मैसेजिंग एप हमेशा रहते ऑन
रिपोर्ट का कहना है कि, स्मार्टफोन के बढ़ते चलन से कम्यूनिकेशन के नए-नए तरीके सामने आते जा रहे हैं। जिससे यूजर्स काफी समय इन मैसेजिंग एप्स में स्पेंड कर देते हैं। यही नहीं ये यूजर्स मैसेजिंग को लेकर इतने डिस्परेट रहते हैं कि, एप्स हमेशा ऑन रखते हैं। रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके मुताबिक भारतीय करीब 47 परसेंट समय कम्यूनिकेशन एप्स जैसे वॉयस, इंस्टेंट मैसेंजर, वॉयस ओवर प्रोटोकॉल (स्काई), ईमेल एंड सोशल नेटवर्किंग पर खर्च कर देते हैं।

डाटा यूजेस का इंपॉर्टेंट पार्ट

रिसर्च का यह भी कहना है कि, मोबाइल डाटा के ज्यादा इस्तेमाल में इन कम्यूनिकेशन एप्स का अहम रोल होता है। वैसे यह रिसर्च यूजेस बिहेवियर को ध्यान में रखकर की गई थी। यानी कि किस तरह मैसेजिंग और सोशल मीडिया एप्स लोगों के कम्यूनिकेशन स्किल्स को प्रभावित करते हैं। इस रिसर्च में इंडिया, जापान, साउथ कोरिया, यूके और यूएस के यूजर्स शामिल किए गए थे। वहीं रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि, 40 से 50 परसेंट डाटा इन कम्यूनिकेशन एप्स को एक्सेस करने में खर्च हो जाता है।

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