-लखनऊ के शादाब और कराची की नाजनीन 11 बरस से कर रहे मिलन का इंतजार

-लड़के वाले राजी, लेकिन भारत के साथ कड़वाहट से लड़की के घर वाले नहीं है तैयार

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LUCKNOW: आज वैलेंटाइंस डे है। प्रेमी इस दिन एक-दूजे का साथ देने की कसमें खाएंगे। कई वादे करेंगे तो कई पुराने किये वादों की सालगिरह मनाएंगे। मगर इस बीच राजधानी का ही एक प्रेमी अपने प्यार को न पाकर मन मसोस कर रह जाएगा। दरअसल, सरहद की दूरी ने उन प्रेमियों के बीच खाई सी बना रखी है। ये सीमाएं भी कोई आम नहीं भारत-पाकिस्तान की तलख रिश्तों की हैं। जी हां, गोलागंज निवासी और लकड़ी के कारोबारी शादाब पाकिस्तान के कराची स्थित नाजमाबाद-दो की रहने वाली नाजनीन से प्यार करते हैं। मगर बीते 11 बरस से दोनों सरहदों के चलते मिल नहीं पा रहे हैं। इस बार का वैलेंटाइंस भी वे एक-दूजे से दूर होकर ही मनाएंगे।

ऐसे हुई थी मुलाकात

इस प्यार के बाबत पूछने पर भरे मन से शादाब बताते हैं कि नाजनीन उनके रिलेशन में आती है। जनवरी 2005 में वह अपनी फैमिली के साथ लखनऊ में शादी में शरीक होने आई थी। दोनों ने पहली मुलाकात में एक-दूजे को पसंद किया और प्यार हो गया। शादाब के मुताबिक, अपने प्यार का इजहार उन्होंने वैलेंटाइंस वीक में ही घुटनों के बल बैठकर किया था। साल 2005 में प्यार का वही इजहार उनका पहला और आखिरी वैलेंटाइंस बनकर रह गया। शादी खत्म हुई नाजनीन पाकिस्तान लौट गई।

छह माह तक किया इंतजार

इस प्यार की दास्तान को बयां करते हुये शादाब कहते हैं कि नाजनीन के जाने के बाद छह महीने तक कोई फोन नहीं आया । उसके बाद एक दिन नाजनीन का फोन आया और तब से लेकर आज तक कोई भी दिन ऐसा नहीं होता जब उनकी बात न हो। 11 साल के इस रिलेशन में अभी तक उनकी तीन ही बार मुलाकात हुई है। शादाब बताते हैं, 'वह मुझे बर्थ डे विश करना कभी नहीं भूलती। हर साल केक भेजती है। वहीं मैं भी उसके हर बर्थ डे पर केक भेजता हूं। उसके बर्थडे के सारे गिफ्ट मेरे पास हैं। जब वह आयेगी तो मैं उसको गिफ्ट करूंगा.'

दूरियों ने बना दी है 'खाई'

दोनों के न मिल पाने की वजह पूछने पर शादाब ने बताया, 'वर्ष 2014 में वे अपनी फैमिली के साथ पाकिस्तान गये थे। वहां दोनों की शादी की बात हुई लेकिन नाजनीन की मां ने मना कर दिया.' वजह में नाजनीन की मां ने कहा,'मैं इतनी दूर नहीं करूंगी शादी। वह भी भारत में तो कतई नहीं जहां जाने के बाद मेरी बेटी को मैं बरसों तक नहीं देख पाऊंगी। ऊपर से वीजा और आने-जाने में होने वाली दिक्कतों के चलते मैं इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं हूं.' शादाब बताते हैं नाजनीन की मां के कहे हर शब्द उन्हें आज भी अच्छे से याद हैं। हालांकि, शादाब के घरवाले इस रिश्ते के लिये आज भी तैयार हैं।

यादगार लम्हा

शादाब ने बताया कि नाजनीन ने एक स्टोल गिफ्ट किया था जो पूरे 11 साल से मैं अपने सोने की जगह पर रखकर सोता हूं। इसके अलावा मेरी आंखों के सामने से जाना आज भी बहुत ही याद आता है। ऐसा लगता है जैसे अभी कल की ही बात हो।

मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान और भारत के बीच के रिश्ते सुधर जाये ताकि प्यार करने वालों के बीच दूरी खत्म हो सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान से जो रिश्ते सुधारने की कवायद शुरु करी है उससे मुझे बहुत उम्मीद है। मुझे मेरा प्यार मिल जाये बस। नफरतों से कभी किसी को पाया नहीं जा सकता। प्यार उसका एक मात्र रास्ता है।

शादाब आलम

दोनों देशों के रिश्तों का खामियाजा हम दोनों को भुगतना पड़ रहा है। मेरी फैमिली इसी लिए तैयार नहीं हो रही है। आज नहीं तो कल मुझे उम्मीद है कि रिश्ते सुधरेंगे तब हम दोनों शादी करें सकेंगे।

नाजनीन।