-जीएसटी का टर्नओवर हुआ कम तो होगी फर्म की जांच

-खंड अधिकारी के साथ ही एसआईबी को सौंपी गई जिम्मेदारी

ALLAHABAD: एक करोड़ से ऊपर टर्नओवर वाले व्यापारी जिन्होंने जीएसटी समाधान में रजिस्ट्रेशन करा रखा है सावधान हो जाएं। अगर कंपोजिशन में शामिल होने के बाद उनके बिजनेस का टर्नओवर काफी कम हुआ है तो इसकी जांच कर लें। अन्यथा सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के खंड अधिकारियों के साथ ही एसआईबी के अधिकारी आपकी फर्म पर जांच के लिए पहुंच सकते हैं।

दिया है आदेश

कमिश्नर वाणिज्यकर कामिनी चौहान रतन ने समाधान योजना में शामिल उन फर्मो की जांच का आदेश दिया है, जिनका एनुअल टर्नओवर जीएसटी में शामिल होने के बाद कम हो गया है। जीएसटी काउंसिल की जांच में ये सामने आया है कि जीएसटी की समाधान योजना का फायदा उठाने के लिए कुछ व्यापारी एनुअल टर्नओवर में खेल कर रहे हैं। समाधान योजना में शामिल करीब करीब 20 से 25 प्रतिशत व्यापारी ऐसे हैं, जिनका टर्न ओवर वैट की अपेक्षा जीएसटी में कम हुआ है।

कागज पर कुछ और

वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों के जानकारी में यह भी आया है कि कुछ व्यापारियों ने टैक्स के झंझट से बचने के लिए अलग-अलग फर्म खोल लिया है। टर्नओवर डेढ़ करोड़ से ऊपर है, लेकिन कागज पर एक करोड़ ही दिख रहा है। ऐसे व्यापारियों की जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है। साथ ही एक स्थान पर एक से अधिक फर्म संचालित नहीं की जा सकती हैं। वहीं कई व्यापारी ऐसे हैं, जो टैक्स के चक्कर से बचने के लिए एक ही जगह से कई-कई फर्म संचालित कर रहे हैं।

जांच प्रक्रिया तो सिस्टम का एक पार्ट है। अगर व्यापारी नियम कानून का पालन करते हुए बिजनेस कर रहे हैं, तो उन्हें परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी जांच के नाम पर परेशान करता है, तो वे इसकी शिकायत उनसे कर सकते हैं।

-राम प्रसाद

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2

वाणिज्य कर विभाग सारी कार्रवाई उन्हीं व्यापारियों पर कर रहा है, जो जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं। नियम-कानून के तहत रिटर्न भरते हुए व्यापार कर रहे हैं। अपंजीकृत व्यापारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है, जो पूरे सिस्टम को ध्वस्त कर रहे हैं।

-संतोष पनामा

संयोजक

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति