- मेटल डिटेक्टर हाथ में लेकर गप लड़ाते हैं जवान

- कभी भी नहीं होता है प्रोपर चेकअप

PATNA: आतंकी गतिविधियों को देखते हुए देश के कई हिस्सों के साथ साथ बिहार में भी हाई अलर्ट है। राजधानी पटना में एयरपोर्ट और पटना जंक्शन को खास तौर पर अलर्ट पर रखा गया है। पटना जंक्शन का जायजा लेने पर साफ लगता है कि कभी भी बड़ी ही आसानी से इसकी सुरक्षा में सेंध लगाया जा सकता है।

सिर्फ दिखावा है मेटल डिटेक्टर

पिछले हप्ते जीएम एके मित्तल ने पहली बार पटना जंक्शन का निरीक्षण किया था। घंटों तक चले इस निरीक्षण में जीएम ने साफ साफ कहा था कि जंक्शन की सिक्योरिटी का विशेष ख्याल रखा जाय। सिक्योरिटी को लेकर जीएम ने जितने भी इंस्ट्रक्शन दिए फिलहाल एक भी लागू नहीं है। पटना जंक्शन के मेन एंट्रेंस की तरफ पूछताछ काउंटर के पास के गेट पर मेटर डिटेक्टर लगा है, लेकिन इस मेटल डिटेक्टर से होकर सभी पैसेंजर आए इसे देखने वाला कोई नहीं दिखा। दोनों एंट्रेंस के पास कुल एक जीआरपी के जवान तैनात थे। जवान के हाथ में मेटल डिटेक्टर तो था, लेकिन वे किसी भी आने वाले के लगेज की जांच नहीं कर रहे थे। बेरोकटोक लोग आ जा रहे थे। हर ए ग्रेड और सेंसटिव स्टेशनों पर यह अनिवार्य है कि आने वाले पैसेंजर की गहन जांच हो। महिलाओं के जांच के लिये केबिन तक बना रहता है। पैसेंजर के लगेज की स्क्रीनिंग होती है, लेकिन पटना जंक्शन पर इनमें से कुछ भी नहीं होता है। न तो महिलाओं की जांच होती है और न ही मेटल डिटेक्टर से गुजरना अनिवार्य रूप से लागू किया गया है। लगेज स्कैनर तो है ही नहीं।

करबिगहिया की सिक्योरिटी तो भगवान भरोसे

एके मित्तल ने कहा था कि जंक्शन के हर एंट्रेंस पर टीईटी और जवान की तैनाती हो। करबिगहिया साइड को लेकर उन्होंने खास इंस्ट्रक्शन दिये थे, लेकिन करबिगहिया की हालत ही सबसे बुरी दिखी। पार्किंग एरिया में ऑटे वाले स्थिति को अराजक बनाये हुए थे। टिकट काउंटर से लेकर इंट्रेंस के एरिया तक में मात्र एक जीआरपी का जवान नजर आया। पूरे करबिगहिया को एक ही जवान के भरोसे छोड़ दिया गया था। यहां भी किसी प्रकार का मेटल डिटेक्टर नहीं लगा था। न ही जीआरपी के हाथ में मेटल डिटेक्टर था, जबकि इसी साइड में प्लेटफार्म टेन पर आतंकी घटना घट चुकी है। कूलियों ने बताया कि आतंकी घटना के बाद भी कुछ नहीं बदला है। सबकुछ पहले जैसा ही है, जिसे जहां मन हो आ जा सकता है। फुट ओवर ब्रिज पर कहीं कहीं तीन चार जीआरपी के जवान नजर तो आये लेकिन वे सतर्कता बरतने के बजाय बातचीत में ही मशगूल दिखे। प्लेटफॉर्म टेन के एस्केलेटर के पास भी एक भी जवान नहीं दिखा।

पार्किंग एरिया की हालत सबसे बुरी

शाम के समय जंक्शन पर रोजाना रश रहता है, लेकिन मंगलवार को मालगोदाम कर्मियों के अधिवेशन की वजह से भीड़ और भी अधिक थी, लेकिन पटना जंक्शन के महावीर मंदिर के पार्किंग एरिया में एक भी जवान नजर नहीं आया, जिसे जहां मन हो रहा था गाड़ी पार्क कर रहा था। नो पार्किंग एरिया और थ्रू लेन का तो कोई मतलब ही नहीं रह गया था। जीआरपी बैरक की तरफ और मस्जिद के ठीक पीछे भी कोई जवान ड्यूटी पर नहीं नजर आया। अनारक्षित बुकिंग काउंटर और रिजर्वेशन काउंटर तक में एक भी जीआरपी के जवान नहीं दिखा। अनारक्षित बुकिंग काउंटर की तरफ से प्लेटफॉर्म वन की ओर जाने वाली इंट्री के पास भी किसी प्रकार की चेकिंग नहीं हो रही थी और न ही एक भी टीटी मौजूद थे।

घटाई गई सीसीटीवी कैमरे की संख्या

पूरे जंक्शन की मॉनीटरिंग सीसीटीवी कैमरे से की जाती है। फिलहाल फ्ख् कैमरे काम कर रहे हैं, जबकि थोड़े दिन पहले तक चौंसठ कैमरे हुआ करते थे। सीसीटीवी कक्ष से एक टीवी स्क्रीन को हटा लिया गया है। एक अधिकारी ने ही बताया कि कुछ कैमरे को हटा लिया गया है, लेकिन इस बात का जवाब कोई नहीं देता है कि कैमरे की संख्या कम क्यूं की गयी। आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारियों की मानें, तो दोनो के पास पर्याप्त संख्या में बल नहीं है। वे कहते हैं कि इतनी कम संख्या में हम कहां कहां उन्हें तैनात करेंगे। जब तक जवानों की संख्या बढाई नहीं जाती है तो परेशानी रहेगी ही।

जितने रिसोर्सेज हैं, उसके हिसाब से सिक्योरिटी प्रोवाइड कराई जा रही है। रही बात सीसीटीवी कैमरे के तो कुछ खराब हो गए हैं और नया कैमरा जल्द ही लगाया जाना है। पार्किंग एरिया और थ्रू लेन का अगर गलत इस्तेमाल हो रहा है तो मैं दिखवाता हूं। कार्रवाई की जाएगी।

अरविंद रजक, सीपीआरओ, पूमरे