जीवन दायिनी यमुना नदी किनारे तट पर पहुंचे आगराइट्स

आगरा। हिन्दू मान्यता के अनुसार कनागतों में पूर्वजों का तर्पण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। पूर्ण विधि-विधान से अपने पूर्वज को याद करने से आत्मिक संतुष्टि तो मिलती ही है, भाग्य के द्वार भी खुल जाते हैं। धन-धान्य और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। यश और कीर्ति में वृद्धि होती है। इसी भावना के साथ बुधवार को अमावस्या के पावन अवसर पर जीवन दायिनी यमुना नदी के तट पर आगरा के पूर्वजों का तर्पण किया गया। कार्यक्रम में मेयर इंद्रजीत आर्य के साथ एडिटोरियल हेड सचिन वासवानी आई नेक्स्ट टीम के साथ उपस्थित रहे।

यमुना तट पर एकजुट हुए सामाजिक संगठन

ताज सिटी के पूर्वजों का तर्पण करने सुबह सिटी के वाशिंदे यमुना किनारे पहुंचे। हिन्दू युवा वाहिनी, प्राकृतिक प्रेम, आगरा विकास मिशन आदि संस्था के पदाधिकारी और सदस्य हाथी घाट पर पहुंचे। परिवार परामर्श केंद्र से जुड़े काउंसलर भी मौजूद रहे। इन्होंने शहर के पूर्वजों का तर्पण किया।

ये रहे मौजूद

पूर्ण वैदिक रीति-रिवाज के साथ तर्पण दिनेश गुरु, कुक्कू पंडित, भगवान दास ने मंत्रोच्चारण और पूजा-अर्चना के साथ सम्पन्न कराया। श्याम पैंगोरिया, रचना कपूर, विजय कपूर, किरन शर्मा, वीना अग्रवाल, बीएन अग्रवाल, अविनाश राणा, धमेंद्र राजपूत, रवि, मुनेंद्र कुमार आदि तर्पण कार्यक्रम में मौजूद रहे।

आई नेक्स्ट ने की अनूठी पहल

इस सामूहिक तर्पण कार्यक्रम के आयोजन की पहल आगरा आई नेक्स्ट द्वारा की गई। कनागतों में रोज सिटी के एक पूर्वज का जीवन परिचय आई नेक्स्ट द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। उन 15 पूर्वजों को आई नेक्स्ट की ओर से नमन किया गया, जिन्होंने आगरा को एक पहचान दी। अंग्रेजी हुकूमत के समय में अपने जीवन को भारत माता के चरणों में न्योछावर कर दिया था। इनके त्याग और बलिदान का ही नतीजा है कि आज आगरा ही नहीं हर हिन्दुस्तानी खुली हवा में चैन की सांस ले रहा है। आगरा का नाम साहित्य के क्षितिज पर चमकाने वाले आगरा के पूर्वजों की कोटि-कोटिचरण वन्दना की।