- आई नेक्स्ट के पैनल डिस्क्शन में एक्सपर्ट ने खुलकर रखे विचार

>BAREILLY:

चीन ने बिजनेस के लिहाज से पूरे देश में अपना पांव पसार लिया है। खाने-पीने से लेकर तमाम जरूरतों के चीनी सामान बाजार में आसानी से मिल जाता है। चाहे गारमेंट्स हो या फिर बिजली के उपकरण, खिलौना, पटाखा आदि। हर जगह चाइनीज सामान ने अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। वहीं जहां एक ओर चाइना भारत के बाजार को भुना रहा है तो वहीं दूसरी ओर आतंकवाद जैसे मुद्दे पर पाकिस्तान का सपोर्ट करता नजर आता है। ऐसे में चाइनीज सामानों क्यों न बहिष्कार किया जाए और इसका विकल्प क्या हो सकता है। इन्हीं बातों को लेकर आई नेक्स्ट ने सैटरडे को एक परिचर्चा की। परिचर्चा में जुटे शहर के बुद्धजीवियों ने खुलकर विचार व्यक्त किया।

चीन के सामान का पूरी तरह से बहिष्कार करना होगा। ताकि चीन को सबक मिल सके। देश में तकनीकि पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है। तभी हम देश के हित में कुछ कर सकते हैं।

राज शर्मा, प्रेसीडेंट, मानव सेवा क्लब

कागजी कार्रवाई की जगह सरकार और देश की पब्लिक को चीन के सामान के घोर विरोध करना होगा। इसके लिए हम स्कूली बच्चों को संकल्प दिला रहे हैं।

सुधीर कुमार चंदन, समाजसेवी

विदेश नीति में संशोधन होना चाहिए। चीन की वजह से देश की इंडस्ट्रीज बंद हो गई हैं। मानसिकता बदलनी होगी। चीन के सामान की बिक्री पर प्रशासन भी अपने स्तर पर रोक लगा सकता है।

सुरेंद्र बीनू सिन्हा, समाजसेवी

गवर्नमेंट कुछ नहीं कर सकती है। वह इंटरनेशनल नीति से बंधी हुई है। देश की पब्लिक ही इस सम्बन्ध में कुछ कर सकती है। पब्लिक सामान न खरीदे तो चीन ऐसे भी इंडिया में अपना बिजनेस बंद कर देगा।

आतम सरन अग्रवाल, समाजसेवी