-लोगो सुनो एफएम जी

- खाद्य सामग्रियों में महंगाई से त्रस्त गृहिणियों को आम बजट से हैं ढेर सारी उम्मीदें

- रसोई के बजट को संतुलित रखने की मांग, टैक्स में चाहिए अधिक छूट

ALLAHABAD: लगातार बढ़ती महंगाई ने किचन का बजट बिगाड़ दिया है। जिससे महिलाओं को घर चलाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले आम बजट में वह फाइनेंस मिनिस्टर से रसोई से जुड़ी जरूरी चीजों के दाम घटाने की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि रसोई का बजट संतुलित होना चाहिए। इसके अलावा सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या में इजाफा किया जाए। इनकम टैक्स में महिलाओं को अधिक छूट का प्रावधान किया जाना चाहिए।

ऐसे में कैसे मिले पौष्टिक भोजन

महिलाओं का कहना है कि पिछले कुछ सालों से महंगाई में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। इससे रसोई का बजट बुरी तरह गड़बड़ा गया है। गेहूं, चावल, दाल, सब्जियों और फलों से लेकर तेल, घी और मसालों तक के दाम आसमान छू रहे रहे हैं। ऐसे में गृहिणियों को अपनी रसोई चलाना मुश्किल हो रहा है। अगर इन चीजों के दाम ऐसे ही बढ़ते रहे तो लोगों को पेट भर भोजन के लिए तरसना पड़ेगा।

सब्सिडी के सिलिण्डर बढ़ें

सरकार ने जबसे सब्सिडी वाले सिलिण्डर की संख्या सीमित की है, महिलाओं की मुश्किलें कई गुना बढ़ गई हैं। सामान्य परिवार में अगर कोई फंक्शन होता है या मेहमान आते हैं तो साल खत्म होने से पहले ही सिलिण्डरों की संख्या खत्म हो जाती है। ऐसे में महिलाओं ने केंद्र सरकार से सब्सिडी वाले सिलिण्डर की संख्या में वृद्धि किए जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने गैस के दाम कम करने के लिए भी आवाज उठाई है। रसोई गैस में राहत मिलने से घर के बजट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इनकम टैक्स में मिले अधिक छूट

वैसे तो सरकार ने महिलाओं और सीनियर सिटीजंस के इनकम टैक्स में अधिक छूट दे रखी है, लेकिन महिलाओं को यह अपर्याप्त नजर आती है। उनका कहना है कि महिलाओं के आर्थिक क्षेत्र में प्रोत्साहन के मद्देनजर छूट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। इससे उन्हें कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ने का हौसला मिलेगा। उनका कहना है कि पिछले बजट में सरकार ने टैक्स छूट की सीमा में संतोषजनक कदम नहीं उठाया था, जिसकी कमी इस बार पूरी की जा सकती है।

यहां भी मिलनी चाहिए राहत

बता दें कि पिछले आम बजट में सरकार ने निर्भया कोष के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान रखा था। इसके अलावा महिलाओं से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 79258 करोड़ रुपए की आर्थिक योगदान दिया गया था। महिलाओं का कहना है कि इन दोनों कोष में इस बार अधिक वृद्धि की जानी चाहिए, जिससे देश के कोने-कोने में महिलाओं को योजनाओं का लाभ मिल सके। इसके अलावा दवाएं, घर, केबल टीवी, वाईफाई, इंश्योरेंस पालिसी, फोन, मोबाइल के बिल, ड्राईक्लीन, ब्यूटी पार्लर को सस्ता करने से भी उन्हें अधिक लाभ होगा।

बजट से आधी आबादी की उम्मीदें

- महिला घर की वित्तमंत्री होती है। उसे पता है कि घर कैसे चलाना है। इसलिए सरकार को आम बजट से पहले उनका सुझाव भी सुनना चाहिए।

कविता विजय सिंह यादव

- किचन से जुड़ी वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, इससे घर का बजट बिगड़ गया है। खानपान की चीजों के दामों कम करने के होंगे।

नाजिया नफीस

- सब्सिडी वाले गैस सिलिण्डरों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। इनके दाम भी कम किए जाने चाहिए। जिससे मध्यम वर्ग परिवारों को राहत मिले।

प्रमिला पवार

- महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षा तंत्र को मजबूत करें। इसके लिए बजट में पर्याप्त धन होना चाहिए।

सरिता खुराना

- हर साल बजट में देश की आधी आबादी को नजर अंदाज किया जाता है। महिला कल्याण की योजनाओं को बजट में प्रमुखता से शामिल करें।

शालिनी गोयल जैन

- महंगाई से निजात पाने के लिए सरकार को रसोई सस्ती करनी होगी। खानपान की वस्तुओं के दामों को कम करना होगा। तभी हमारा घर चलेगा।

सोनल