फुटकर मंडियों में दोगुनी कीमत पर बिक रहा है आलू

बिचौलिए और मुनाफाखोर ढीली कर रहे हैं पब्लिक की जेब

ALLAHABAD: प्याज के बाद अब आलू का नंबर। स्टोर से निकलने के बाद फुटकर मंडियों तक आते-आते इसकी कीमत दोगुनी से अधिक होती जा रही है। मुनाफाखोर और बिचौलिए मिलकर पब्लिक को चूना लगा रहे हैं। सबकुछ जानते हुए भी प्रशासन मौन बना हुआ है। हालात यह हैं कि एक्सेस माल होने की वजह से आलू को कोल्ड स्टोरेज से बाहर निकाला जा रहा है, फिर भी पब्लिक को महंगाई से राहत नहीं मिल पा रही है।

7 का आलू 16 में

मुंडेरा मंडी में जीफोर आलू की थोक कीमत सात रुपए प्रतिकिलो है। फुटकर मंडी में यही आलू 16 रुपए प्रतिकिलो के रेट से बेचा जा रहा है। दोगुने से अधिक हुई महंगाई का जिम्मेदार कौन है? बिचौलिए और मुनाफाखोरों की वजह से पब्लिक को महंगाई का बोझ उठाना पड़ रहा है। मंगलवार को आई नेक्स्ट ने जब इस मामले में पड़ताल की तो कई महत्वपूर्ण तथ्य निकलकर सामने आए। शहर की अलग-अलग फुटकर मंडियों के व्यापारियों ने बताया कि कैसे स्टेप बाई स्टेप महंगा हो जाता है आलू। आइए जानते हैं हकीकत-

स्टेप नंबर एक- कोल्ड स्टोरेज से मुंडेरा थोक मंडी पहुंचने वाले आलू का मंडी शुल्क महज ढाई परसेंट वसूला जाना चाहिए। इसकी जगह छह फीसदी कमीशन लिया जाता है। साढ़े तीन फीसदी कमीशन केवल रखरखाव और बाकी सुविधाओं के नाम पर वसूला जाता है।

स्टेप नंबर दो- थोक मंडी के आढ़ती प्रति बोरी आलू का बीस रुपए कमीशन लेते हैं। इसकी कोई लिखापढ़ी नहीं होती है।

स्टेप नंबर तीन- थोक मंडी से फुटकर मंडियों तक आलू ले जाने वाले व्यापारी को प्रत्येक चौराहे पर पुलिस वालों को सुविधा शुल्क देना पड़ता है। इसके रेट भी फिक्स हैं। एग्जाम्पल के तौर पर मुंडेरा मंडी से बक्शी बांध मंडी तक पांच स्टापेज हैं तो हर स्टापेज पर रिश्वत देनी होती है। वेहिकल के हिसाब से फिक्स होता है रेट-

अप्पे- 20 रुपए

छोटा हाथी- 30 रुपए

पिकअप- 50 रुपए

स्टेप नंबर चार- रही सही कसर फुटकर मंडियों में पूरी हो जाती है। मुनाफाखोर यहां से माल लेकर अपनी लागत से डेढ़ से दोगुना तक पब्लिक से वसूलते हैं।

शहर में आलू के रेट

लूकरगंज- 14 रुपए प्रतिकिलो

- बीस रुपए का डेढ़ किलो

कटरा- 16 रुपए प्रतिकिलो

- 20 रुपए का सवा किलो

- 35 रुपए का ढाई किलो

बैरहना- 14 रुपए प्रतिकिलो

- बीस रुपए का डेढ़ किलो

मुंडेरा मंडी में थोक रेट- सात रुपए किलो

बक्शी बांध थोक मंडी- 9 रुपए प्रतिकिलो

नैनी थोक मंडी- 9.5 रुपए प्रतिकिलो

फाफामऊ थोक मंडी- 9 रुपए प्रतिकिलो

- व्यापारियों से मंडी समिति ढाई फीसदी मंडी शुल्क वसूलती है। अगर इससे ज्यादा लिया जा रहा है तो मुझसे इसकी शिकायत की जाए। किसी को भी कमीशन देने की जरूरत नहीं है। तत्काल कार्रवाई कर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

धनंजय सिंह, सचिव, मंडी परिषद

- कमीशन वसूलने के आरोप गलत हैं। थोक मंडी में आलू के रेट काफी कम हैं। मुनाफाखोर और फुटकर व्यापारी अपने फायदे के लिए पब्लिक को चूना लगा रहे हैं। लागत में एक रुपए बढ़ जाने की वसूली चार से पांच रुपए तक की जाती है।

सतीश कुशवाहा, अध्यक्ष, मुंडेरा हरी सब्जी मंडी