बाहरी व्यक्ति के आने से हुआ ऐसा
आपको बताते चलें कि मूल प्रवर्तकों के बाहर निकलने तथा पहली बार किसी बाहरी व्यक्ति विशाल सिक्का के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनने के कुछ महीनों के भीतर ये शेयर बेचे गये हैं. फिलहाल इन चार को-फाउंडरों में फॉर्मर सीईओ एसडी शिबूलाल तथा के.दिनेश शामिल हैं. इन चारों ने अपनी कुछ हिस्सेदारी, उद्यमशीलता तथा परोपकार से जुड़ी गतिविधियों के लिये बेची हैं. लेकिन इसके कारण इंफोसिस का शेयर करीब 5 परसेंट तक नीचे आ गया और उसके मार्केट पूंजीकरण में दो अरब डॉलर का नुकसान हुआ.

किसने कितने शेयर बेचे
नारायाणमूर्ति, नीलेकणी और दिनेश तथा उनके परिवारों के कुछ मेंबर्स एवं को-फाउंडर्स एसडी शिबूलाल की पत्नी ने 6,484 करोड़ रुपये में इंफोसिस के 3.26 करोड़ शेयर बेचे, जो कंपनी में 5.5 परसेंट से अधिक हिस्सेदारी के बराबर है. आपको बताते चलें कि इंफोसिस कस मार्केट पूंजीकरण 2.25 लाख करोड़ रुपये है. जिसकी स्थापना इन चारों सहित सात इंजीनियरों ने साल 1981 में 250 डॉलर इकठ्ठा किया था. हालांकि पिछली तिमाही के अंत में प्रवर्तकों की कुल हिस्सेदारी 15.92 परसेंट थी. ड्यूश इक्विटीज इंडिया के एक बयान के अनुसार शेयर औसत मूल्य 1,988.87 करोड़ रुपये प्रति इक्विटी के भाव पर घरेलू तथा संस्थागत निवेशकों को बेचे गये.

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