देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी इंफोसिस का शुद्ध लाभ जनवरी-मार्च 2013 तिमाही में महज 3.4 परसेंट बढ़ा है. कंपनी ने करंट फाइनेंशियल ईयर 2013-14 के लिए राजस्व वृद्धि का अनुमान भी उम्मीद से काफी कम रखा है.

10 साल में सबसे ज्यादा लुढ़के शेयर

इस नतीजे ने शेयर बाजार को भी निराश कर दिया. इससे कंपनी के शेयरों में एक दशक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई.निदेशक मंडल ने बीते वित्त ïवर्ष के लिए शेयरधारकों को प्रति शेयर 27 रुपये लाभांश की सिफारिश की है.

मुनाफा अनुमान से कम

फाइनेंशियल ईयर2012-13 की अंतिम तिमाही में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 2,394 करोड़ रुपए रहा. वहीं आमदनी 18.1 परसेंट उछाल के साथ 10,454 करोड़ रुपए हो गई. कंपनी ने करंट फाइनेंशियल ईयरमें इनकम 6 से 10 परसेंट की दर से बढऩे का अनुमान जताया है. इंफोसिस का यह अनुमान सॉफ्टवेयर सेक्टर के संगठन नैस्कॉम के 12 से 14 परसेंट की वृद्धि के अनुमान से काफी कम है.

US और Europe में मुश्िकल

राजस्व वृद्धि के कमजोर अनुमान पर कंपनी के एमडी और सीईओ एसडी शिबुलाल ने कहा कि यह पिछली दो तिमाहियों से देखे जा रहे उतार-चढ़ाव का असर है. सबसे ज्यादा चुनौती अमेरिका और यूरोप में है. कंसल्टिंग और सिस्टम इंटीग्रेशन सर्विस से कंपनी का राजस्व 32 फीसद बढ़ा है, जो आइटी उद्योग में सबसे ज्यादा है. शिबुलाल ने कहा कि ऑफशोर इम्पलॉईज की सैलरी में 6 परसेंट और ऑनसाइट इम्पलॉईज की सैलरी में 3 से 4 परसेंट की वृद्धि का असर भी नतीजों पर पड़ा है. इसका असर वर्ष 2013-14 में भी रहेगा. इस वृद्धि से कंपनी का खर्च 14 करोड़ डॉलर बढ़ा है.

ज्यादा होंगे recruitment

इसके अलावा लैंडस्टोन के टेकओवर के लिए भी कंपनी 3.6 करोड़ डॉलर का भुगतान करेगी. शिबुलाल ने कहा कि वीजा को लेकर अनिश्चितता बरकरार है. इसके चलते हमें ज्यादा ऑनसाइट रिक्रयूटमेंट करने होंगे. टेकओवर के बारे में उन्होंने कहा कि कंपनी सही अवसरों की तलाश में हैं. इसके लिए 10 करोड़ डॉलर की रकम सुरक्षित रखी गई है. पूरे फाइनेंशियल ईयर में कंपनी का प्रॉफिट 13.3 परसेंट बढ़कर 9,421 करोड़ रुपए हो गया. इस दौरान इनकम 19.6 परसेंट बढ़कर 40,352 करोड़ रुपए हो गई. कंपनी के पास 4.4 अरब डॉलर की नकदी मौजूद है.

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