खाकी लापरवाही भी करती है

अदालत में केस के ट्रायल के दौरान आरोपी पर आरोप साबित करने का काम सरकार का है। सबूत जुटाकर आरोपी को दोषी डिक्लेयर कराने के लिए ही पुलिस आईओ को ड्यूटी सौंपती है। लेकिन, पुलिस की इन्वेस्टीगेशन से लेकर कोर्ट में गवाही देने तक पुलिस तमाम केसेज को सीरियसली नहीं लेती है। नतीजा, टाइमली मामले में निस्तारण नहीं हो पाता है। ऐसा ही एक मामला एडीजे अरुण चन्द श्रीवास्तव की कोर्ट में भी पैैंडिंग चल रहा है।

सिपाही नहीं आया कोर्ट

मामला थाना जगनेर से संबधित है। मौजूदा टाइम में मथुरा की सीमा के अंतर्गत आने वाले थाना रिफायनरी में तैनात पुलिसकर्मी बलवीर सिंह की गवाही के लिए यह मामला पैैंडिंग पड़ा हुआ है। जगनेर में रजिस्टर्ड हुई रिपोर्ट के अनुसार आरोपी राकेश कुमार के अंगेस्ट अवैध हथियार रखने का आरोप लगा था। नतीजा उसके अंगेस्ट आम्र्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया। एडीजे कोर्ट की ओर से कई बार आदेश देने के बाद भी बलवीर सिंह कोर्ट में गवाही के लिए हाजिर नहीं हुआ। कोर्ट की अवमानना करने वाले इस पुलिसकर्मी के अंगेस्ट गैर जमानती वारंट का ऑर्डर एडीजे ने रिलीज कर दिया है।

इससे पहले भी

बताते चलें कि खाकी के अंगेस्ट कोर्ट की यह पहला लीगल एक्शन नहीं है, बल्कि इससे पहले थाना बरहन में दर्ज एक मामले में गवाही न देने के लिए आने पर संबधित आईओ के अंंगेस्ट भी गैर जमानतीय वारंट निकल चुके हैैं.