डेढ़ साल चलेगी टेस्टिंग

विशाखापत्तनम तट पर इस पनडुब्बी का न्यूक्लियर रिएक्टर एक्टिव कर दिया गया. इसे करीब दो दशक से विकसित किया जा रहा था. डिफेंस का यह प्रोजेक्ट अभी तक गोपनीय था लेकिन अब यह सबके सामने है. समुद्र में तैनाती से पहले इसका तकरीबन डेढ़ साल तक परीक्षण चलेगा.

छोटा रिएक्टर बनाना चुनौती

छोटा रिएक्टर बनाना चुनौती थी. इसके बावजूद परमाणु ऊर्जा विभाग ने इस पर सफलता प्राप्त कर ली. 83 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न करने वाले इस रिएक्टर से एक छोटे-मोटे शहर को बिजली आपूर्ति की जा सकती है. ऐसी चार परमाणु पनडुब्बी बनाकर नैसेना में शामिल किया जाना है.

रूसी परमाणु पनडुब्बी पर की प्रैक्टिस

इंडियन नेवी को परमाणु पनडुब्बी चलाने का अनुभव दिलाने के लिए रूस से तीन साल के लिए लीज पर एक पनडुब्बी ली गई थी. भारतीय नौसेना ने 1988 से 1991 तक इस पर अभ्यास किया था. पिछले साल ही रूस से एक और परमाणु पनडुब्बी 10 साल की लीज पर ली गई है.

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