इस सीजन में दिमागी बुखार से एलर्ट रहना जरूरी, दो दिन पुराना बुखार भी हो सकता है जानलेवा

मरीजों से भरे हैं चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के बेड

ALLAHABAD: इस सीजन में किसी भी बुखार को हल्के में मत लीजिए। जरा सी लापरवाही आपके मासूम के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। जिसका सीधा सा उदाहरण चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में मौजूद है, जहां रोजाना दिमागी बुखार के आधा दर्जन नए मरीज आ रहे हैं। इनमें से शनिवार को एक मरीज की मौत भी हो चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि बारिश के सीजन में संक्रमण के मामले बढ़ने से दिक्कतें बढ़ जाती हैं।

इन बीमारियों से रहिए होशियार

बारिश के सीजन में बच्चों में दिमागी बुखार का फैलना आम बात है। डॉक्टर्स के मुताबिक इस सीजन में आधा दर्जन ऐसी बीमारियां हैं जिनकी वजह से बुखार बे्रन में चला जाता है और बच्चे की जान पर बन आती है। उनका कहना है कि अगर मरीज को तेज बुखार आ रहा है तो उसे तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए। जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। दिमागी बुखार के सबसे ज्यादा चांसेज मलेरिया, जापानी इंसेफलाइटिस, बैक्टीरिया मेनिंजाइटिस, टीबी मेनिंजाइटिस और वायरल मेनिंजाइटिस खतरनाक है। टाइफाइड के मामलों में भी बुखार बच्चों के लिए कई बार जानलेवा साबित हो जाता है।

मरीजों से भरे हैं बेड

चिल्ड्रेन हॉस्पिटल का इमरजेंसी वार्ड मौसमी बीमारियों के मरीजों से खचाखच भरा हुआ है। यहां रोजाना दो सौ मरीजों की ओपीडी होती है जिसमें से सत्तर फीसदी मरीज संक्रामक रोगों के होते हैं। मलेरिया के मरीजों की भी तादाद ठीक-ठाक है। इस बीमारी का बुखार भी जानलेवा साबित हो रहा है। आधा दर्जन मरीज दिमागी बुखार औसतन रोजाना दस्तक देते हैं। वर्तमान में दिमागी बुखार से पीडि़त सिरसी के साहिल, मोना और मिर्जापुर के सोनू को इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा है।

साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी

दिमागी बुखार को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। मच्छर और मक्खियां संक्रमण फैलाने का अहम कारण बनते हैं। इसके अलावा अशुद्ध पेयजल और बासी खानपान बीमारी फैलाने में सहायक साबित होता है। डॉक्टरों का कहना है कि महज दो दिन पुराना तेज बुखार भी जानलेवा साबित हो सकता है। साफ-सफाई की स्थिति अच्छी नहीं होने से सर्वाधिक मरीज ग्रामीण इलाकों से आ रहे हैं।

इन लक्षणों से रहिए एलर्ट

- तेज बुखार और झटके आना

- दौरे पड़ना

- बेहोशी की हालत

- कंपकंपी के साथ बुखार के साथ हाथ, पैर और आंखों के पीछे के हिस्से में दर्द होना

- लगातार तेज बुखार बने रहना

ये बीमारियां फैला रही दिमागी बुखार

- मलेरिया

- जापानी इंसेफलाइटिस

- बैक्टीरिया इंसेफलाइटिस

- वायरल मेनिंजाइटिस

- टीबी मेनिंजाइटिस

- टाइफाइड

हो चुकी है एक मौत

जानलेवा हो चुके दिमागी बुखार से एक बच्ची की मौत हो चुकी है। शनिवार को चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में मनौरी के रहने वाले सुभाष पटेल की आठ साल की बेटी सिमरन की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। एक दिन पहले ही परिजनों ने उसे इलाज के लिए भर्ती कराया था।

- बारिश होने के बाद संक्रमण तेजी से फैलता है, जिससे कई खतरनाक बीमारियां दिमागी बुखार का कारण बन जाती हैं। परिजनों को बच्चों में होने वाले बुखार को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। दो दिन पुराना बुखार भी दिमागी बुखार का रूप लेकर जानलेवा साबित हो सकता है।

डॉ। डीके सिंह, एचओडी, चिल्ड्रेन हॉस्पिटल

- इस सीजन में मलेरिया बड़ी बीमारी बनकर उभर रहा है। इससे पीडि़त बच्चों का तत्काल इलाज कराना जरूरी होता है। परिजनों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। मच्छरों से बचाव के उपाय तलाशने होंगे।

डॉ। मनीषराज चौरसिया, चाइल्ड स्पेशलिस्ट