- एमबीबीएस फोर्थ ईयर की मान्यता के लिए एमसीआई की टीम के इंस्पेक्शन से पहले ही दून हॉस्पिटल बीमार

- पैथोलॉजी विभाग की 5 प्रमुख जांचे, रैडियोलॉजी की सीटी स्कैन मशीन और डायलिसिस बंद

देहरादून,

एमबीबीएस फोर्थ ईयर की मान्यता के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की टीम के इंस्पेक्शन से पहले ही दून हॉस्पिटल बीमार हो गया है. हाल ये है कि पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी विभाग बदहाल है. पैथोलॉजी विभाग की लैब में जांच के लिए जरूरी रीजेंट्स, एप्रेटस और टेस्ट किट 1 माह पहले खत्म हो चुकी हैं. जबकि रेडियोलॉजी विभाग की सीटी स्कैन मशीन बीते 25 फरवरी से खराब है. इतना ही नहीं हफ्तेभर से हॉस्पिटल की तीनों डायलिसिस मशीनें खराब पड़ी हैं. ऐसे में एमसीआई के इंस्पेक्शन से पहले हॉस्पिटल की हालत खराब होने से हॉस्पिटल प्रबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं.

15 वर्ष पुरानी मशीनें दे चुकीं जवाब

दून हॉस्पिटल में बूढ़ी मशीनें हॉस्पिटल प्रबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं. बीते 25 फरवरी से दून हॉस्पिटल की सीटी स्कैन मशीन खराब पड़ी है. सीटी स्कैन मशीन भी 15 वर्ष पुरानी है, जिसके बदले अब नई मशीन खरीदने के निर्देश दिए गए हैं. दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के रेडियोलॉजी विभाग को नई एक्स-रे व सीटी स्कैन मशीन देने का दावा किया गया था. महीने भर का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक ये मशीनें दून हॉस्पिटल को नहीं मिली हैं. इधर दून हॉस्पिटल में 2004 में डायलिसिस की तीन मशीन लगी थी,2004 में खरीदी गई मशीनों का सही तरीके से रखरखाव पूर्व में नहीं किया गया. इससे तीनों मशीन पूरी तरह से ठप हो गई हैं. इस बार मशीन के मैंम्ब्रेन फिल्टर में प्रॉब्लम आई है. इसे ठीक कराने में 3 लाख तक का खर्चा आ सकता है. दून हॉस्पिटल से भी ऐसे मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में रेफर किया जा रहा है.

5 गंभीर बीमारियों की टेस्ट किट खत्म

दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की पैथोलॉजी जांचें टेंडर के फेर में ठप हो रही हैं. लैब में जांच के लिए जरूरी रीजेंट्स, एप्रेटस और टेस्ट किट खत्म हो चुकी हैं. इनमें 5 गंभीर बीमारियों की जांच किट भी शामिल हैं. जिनमें हेपेटाइटिस-सी, हेपेटाइटिस- बी, विडाल-टाइफाइड, एएसओ-इन्फेक्शन और सीआरपी यानी सी-रिएक्टिव प्रोटीन की किट खत्म होने से जांच नहीं हो पा रही है. दून हॉस्पिटल की पैथोलॉजी लैब में रोजाना औसतन 350 पेशेंट्स विभिन्न जांचों के लिए पहुंच रहे हैं. मौसमी बदलाव के कारण इन दिनों पेशेंट्स की संख्या भी बढ़ी हुई है. ऐसे में कई जांचे प्रभावित हो रही है.

कभी भी हो सकता है इंस्पेक्शन

एमसीआई की टीम कभी भी दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के इंस्पेक्शन के लिए पहुंच सकती है. मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फोर्थ बैच के लिए एमसीआई द्वारा व्यवस्थाओं को परखा जाना है. इंस्पेक्शन के बाद ही फोर्थ बैच के संचालन के लिए ग्रीन सिग्नल दिया जाएगा. अगर व्यवस्थाओं में दिक्कत हुई तो मेडिकल कॉलेज के लिए दिक्कतें हो सकती हैं.

एमसीआई के इंस्पेक्शन से पहले व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी, हालांकि एमसीआई का फोकस बजट पर होता है. लेकिन, व्यवस्थाएं भी परखी जाती हैं. इंस्पेक्शन के लिए तैयारी की जा रही है.

- डॉ. केके टम्टा, एमएस, दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल.