-हजरतगंज की दक्षिणी चौकी इंचार्ज फाइनल रिपोर्ट लगाने के नाम पर मांग रहे थे रिश्वत

-विभूतिखंड स्थित रेस्टोरेंट में विजिलेंस टीम ने ट्रैप लगाकर किया अरेस्ट

LUCKNOW मैं जानता हूं तुम दोनों लोग निर्दोष हो, लेकिन फाइनल रिपोर्ट लगवाने के लिये 50-50 हजार रुपये लगेंगे' कुछ यही डायलॉग बोल चौकी इंचार्ज हजरतगंज दक्षिणी एजाज अहमद बीते एक महीने से रॉयल कैफे रेस्टोरेंट के हड़ताली कर्मचारियों को धमका रहे थे। फाकाकशी को मजबूर कर्मचारियों ने जब रकम देने से इनकार किया तो उन्हें चार्जशीट की धमकी दी जाने लगी। आखिरकार, कर्मचारियों ने एएसपी विजिलेंस से दारोगा की शिकायत कर दी। बुधवार को विजिलेंस टीम ने विभूतिखंड एरिया में ट्रैप लगाकर दारोगा एजाज को रिश्वत लेते रंगे हाथ अरेस्ट कर लिया।

रेस्टोरेंट संचालक ने दर्ज कराई एफआईआर

सीओ विजिलेंस जेके सिंह ने बताया कि रॉयल कैफे के बर्खास्त कर्मचारी अगम जोशी और भागवत प्रसाद मिश्रा ने हजरतगंज दक्षिणी चौकी इंचार्ज दक्षिणी एजाज अहमद के खिलाफ शिकायत की थी। अगम जोशी ने बताया कि रॉयल कैफे के मालिक गलत तरीके से पुराने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे थे। इस पर कर्मचारियों ने रॉयल कैफे और प्रताप फूड्स एंड रेस्टोरेंट प्रा। लिमिटेड कर्मचारी संघ का गठन कर लिया। यूनियन बनने से घबराये रॉयल कैफे के मालिकों ने कर्मचारियों से जबरन सादे स्टाम्प पेपर पर साइन कराने की कोशिश की। जब कर्मचारी सुशील श्रीवास्तव ने इसका विरोध किया तो आरोप है कि 16 जून 2016 को मालिकों मुरलीधर आहूजा, लखनलाल आहूजा, कन्हैयालाल आहूजा व लेबर डिपार्टमेंट के हेड राजीव श्रीवास्तव ने उसकी गर्दन दाबकर हत्या की कोशिश की। पुलिस ने उसकी तहरीर पर जानलेवा हमले की एफआईआर दर्ज कर ली।

मालिकों ने दर्ज कराया था क्रॉस केस

अगम जोशी ने बताया कि बीती 10 जुलाई को रॉयल कैफे के जनरल मैनेजर ने उनके परिसर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया। वह लोग होटल गए तो मैनेजर ने 12 जुलाई को अगम जोशी व भागवत प्रसाद मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 408, 386, 504 के तहत एफआईआर दर्ज करा दी। इस मुकदमे की जांच तत्कालीन चौकी इंचार्ज दक्षिणी एसआई केएन तिवारी कर रहे थे। पर, उनका तबादला होने के बाद मामले की विवेचना एसआई एजाज अहमद को स्थानांतरित हो गई। अगम ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले एजाज अहमद ने उन्हें फोन कर मिलने के लिये बुलाया। अगम और और दूसरे आरोपी भागवत मिश्रा डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान पर एजाज अहमद से मिलने पहुंचे।

मांगने लगा रिश्वत

एसआई एजाज अहमद ने उनसे कहा कि उन्हें पता है कि वे लोग निर्दोष हैं। लेकिन, रेस्टोरेंट संचालक काफी धनाड्य व पावर वाले हैं, इसलिए उनके मामले में फाइनल रिपोर्ट नहीं लग पा रही। एसआई एजाज ने कहा कि अगर वे लोग 50-50 हजार रुपये का इंतजाम करें तो वे मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा सकते हैं। अगम जोशी के मुताबिक, बीती 15 दिसम्बर को एसआई एजाज अहमद ने उन्हें व भागवत को फोन कर रिश्वत की रकम लेकर अपने पास बुलाया। जब उन दोनों ने नौकरी छूटने की वजह से आर्थिक तंगी की बात कहकर रकम देने में मजबूरी बताई तो वह उन्हें चार्जशीट लगाने की धमकी देने लगा। बीती 17 दिसंबर को एसआई एजाज ने उन दोनों को फिर से कॉल किया और आखिरी बार इरादा बताने को कहा। उसकी इस हरकत से परेशान अगम व भागवत ने विजिलेंस में शिकायत करने की ठानी और एएसपी विजिलेंस एलबीके पाल से मिलकर दारोगा की करतूत बताई।

ट्रैप में फंस गया दारोगा

एएसपी पाल ने सीओ जेके सिंह और उनकी टीम को जांच का आदेश दिया। जिसके बाद इंस्पेक्टर महेश सिंह की निगरानी में विभूतिखंड स्थित मधुरिमा रेस्टोरेंट में विजिलेंस टीम ने ट्रैप लगाया। बुधवार को प्लानिंग के तहत भागवत मिश्रा ने एसआई एजाज अहमद को रुपये लेने के लिये बुलाया। शाम करीब 5.30 बजे एसआई एजाज कॉन्सटेबल अंकित यादव के साथ वहां जा पहुंचा। कुछ देर की बातचीत के बाद एसआई एजाज ने भागवत से रुपये मांगे। भागवत ने उन्हें बताया कि पूरे रुपयों का इंतजाम नहीं हो सका। इसलिए वे फिलहाल 10 हजार रुपये ही ला सके हैं। भागवत ने यह रकम उसकी डायरी में रख दिए। जैसे ही एजाज रुपये गिनने लगा। बगल की टेबल पर बैठ नजर रख रही विजलेंस टीम ने उसे दबोच लिया। जिसके बाद इंस्पेक्टर महेश सिंह की तहरीर पर आरोपी दारोगा एजाज अहमद के खिलाफ अंकित यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर ली।

पूरे मामले में एसआई एजाज के हमराही अंकित की कोई भूमिका नहीं मिली है। इसलिए उसे रिहा कर दिया गया है। उसे मुकदमे में गवाह बनाया जाएगा।

जेके सिंह

सीओ विजिलेंस