बोर्ड की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे यूपी बोर्ड के विशेष सचिव, किया निरीक्षण

बोर्ड सेंटर्स के लिए स्कूल प्रिंसिपल्स के साथ की बैठक

Meerut। यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद इस बार पूरी तरह से नकलविहीन परीक्षाएं कराने में जुटा है। दरअसल, इस बार परिषद ने स्कूलों को सीसीटीवी के साथ ही वॉयस रिकॉर्डर लगाने के निर्देश भी दिए हैं। हालांकि फंड की कमी से यह निर्देश स्कूलों के गले की हड्डी बन गया है। इस संदर्भ में शनिवार को मेरठ पहुंचे माध्यमिक शिक्षा परिषद के विशेष सचिव चंद्र विजय सिंह के सामने यह समस्या रखी गई। स्कूल प्रिंसिपलों ने कहा कि मेरठ में नकल नहीं होती है, ऐसे में मेरठ के स्कूलों को इस नियम में राहत दी जाए। हालांकि विशेष सचिव ने सेंटर्स के नियमों को शासन का फैसला बताया। हालांकि इस दौरान उन्होंने स्कूलों का निरीक्षण किया, बोर्ड परीक्षाओं को लेकर स्कूल प्रिंसिपलों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं भी सुनी।

निरीक्षण में मिली कमियां

शहर में सुबह आठ बजे पहुंचे विशेष सचिव ने चार स्कूलों का दौरा किया। जिसमें डीएन इंटर कॉलेज, जीजीआईसी माधवपुरम, सेंट चा‌र्ल्स इंटर कॉलेज सरधना और नैनी सागर गुण जैन इंटर कॉलेज शामिल थे। स्कूलों के निरीक्षण में सचिव को स्टॉफ और स्टूडेंट्स की कम संख्या, बिल्डिंग ठीक व चारदीवारी टूटी होना, साफ-सफाई का अभाव जैसी कई कमियां मिलीं। जिसके बाद उन्होंने प्रिंसिपल और डीआईओएस को संबंधित निर्देश दिए।

सचिव ने सुनीं समस्याएं

स्कूल प्रिंसिपल के साथ बैठक में सचिव ने बोर्ड परीक्षा के लिए दिए गए दिशा-निर्देश के बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान स्कूलों के प्रिंसिपल ने एक अतिरिक्त सीसीटीवी और वॉयस रिकार्डर लगवाने में पूरा सिस्टम बदलने और अधिक खर्च होने की बात कही। स्कूल संचालकों ने कहा कि उनके पास फंड का अभाव है। जबकि सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रिंसिपलों ने सभी सरकारी स्कूलों में कैमरे लगवाकर अधिक से अधिक बच्चों की परीक्षा वहां कराने का भी सुझाव दिया। इसके अलावा स्कूल संचालकों ने पहली से आठवीं तक के बच्चों को माध्यमिक स्कूलों में दी जा रही नि:शुल्क शिक्षा के लिए शासन से बजट की व्यवस्था करने की गुजारिश भी की।