बुनियादी सुविधाओं को पूरा करें

जिन सात बुनियादी सुविधाओं को हर-हाल में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, उनमें रैंप, हेल्प डेस्क, पीने का पानी, फर्नीचर, प्रॉपर लाइटिंग व टॉयलेट हैं। इनकी आवश्यकता क्यों है? ये भी इस आदेश में डिटेल में बताया गया है। अधिकतर पोलिंग सेंटर स्कूल, कॉलेज या सामुदायिक सेंटर में बनाए जाते हैं। कई बार जल्दबाजी में सामुदायिक सेंटर क ो पोलिंग सेंटर बना तो दिया जाता है लेकिन वहां पर बुनियादी सुविधाएं हैं या नहीं इन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इससे वोटर्स को काफी प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी इस तरह की कमियां देखने को मिली थीं। दौराला के एक सेंटर पर लाइट ही व्यवस्था ही नहीं थी। वहां पर पेट्रोमैक्स जलाकर वोटिंग करानी पड़ी थी।

डिसेबल्ड और बुजुर्गों के लिए रैंप जरूरी

वहीं फिजिकली डिसेबल्ड और बुजुर्गों के लिए रैंप होना जरूरी है। फिजिकली डिसेबल्ड और बुजुर्गों को रैंप ना होने से बूथ तक पहुंचने में दिक्कत होती है। उनकी व्हील चेयर बिना रैंप के सेंटर में नहीं जा पाती। इसके चलते उन्हें दूसरों की हेल्प लेनी पड़ती है। वहीं कई बार हेल्प न मिलने से वह अपना वोट कास्ट नहीं कर पाते हैं। कुछ इसी तरह की प्रॉब्लम बुजुर्गों को भी होती है।

पानी व टॉयलेट की भी प्रॉब्लम

गर्मी के दिनों में इलेक्शन में वोटर्स को ज्यादा प्रॉब्लम होती है। पोलिंग सेंटर पर काफी भीड़ होती है। इससे गर्मी की वजह से वोटर्स को काफी  प्यास लगती है। इसके  लिए पोलिंग सेंटर पर पीने का पानी होना बहुत जरूरी है। वहीं टॉयलेट जैसी बेसिक फैसिलिटी होना भी मेंडेटरी है। इस सब को ध्यान में रखते हुए इनका भी प्रॉपर इंतजाम करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा वोटिंग करवाने के लिए हेल्प डेस्क , ईवीएम रखने, वोटिंग ऑफिसर के बैठने समेत कई जरूरी चीजें ना होने से भी इलेक्शन में दिक्कत होती है।