अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा जगत कर रहा खोज, कैप्सूल और इनहेलर की फॉर्म में होगा इंसुलिन

Meerut। अब जल्द ही डायबिटीज पेशेंट को इंसुलिन इंजेक्शन के दर्द और इंफेक्शन के खतरे से छुटकारा मिल जाएगा। होटल ब्रावुरा में आरएसएसडीआई की एनुअल कांफ्रेंस में पहुंचे डायरेक्टर जनरल हेल्थ एजुकेशन प्रो। केके गुप्ता ने बताया कि अब हम अत्याधुनिक डिजाइनर इंसुलिन और गिल्पि्टन के दौर में हैं। आने वाले समय में इंसुलिन को कैप्सूल और इनहेलर फॉर्म में भी लिया जा सकेगा।

दुनिया में दूसरे नंबर भारत

मुंबई से आए प्रो। दीपक के। जुमानी ने बताया कि महिलाओं में भी डिप्रेशन के लक्षण देखने को मिलते हैं। जो भी डायबिटीज का इंडीकेशन होता है। आरएसएसडीआई के सेक्रेटरी डॉ। एनके सोनी ने बताया कि विश्व में डायबिटीज के मामले में चीन पहले और भारत दूसरे नंबर पर है। देश का हर चौथा व्यक्ति डायबिटीज का मरीज है। 20 सालों में भारत विश्व का पहला डायबिटीक कंट्री होगा।

प्रेगनेंट लेडीज में डायबिटीज

मुंबई से आए डॉ। मंगेश तिवास्कर ने बताया कि देश में 14-16 प्रतिशत महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज हुई है। हालांकि यह 80 से 90 प्रतिशत केसेस में बच्चे के जन्म लेने के साथ ही ठीक हो जाती है। सिंगापुर में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ। विजय शर्मा ने बताया कि 40 प्रतिशत स्ट्रोक के पेशेंट डायबिटिक हैं और इनके ट्रीटमेंट में रिस्क लेवल से दो-तीन गुना बढ़ जाता है।

महामारी बन रही डायबिटीज

डॉ। एसबी सोढ़ी ने बताया कि इस बीमारी असर मरीज के शरीर के सभी अंगों पर होता है। आगरा के डॉ। अतुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि 85 फीसदी डायबिटिक पेशेंट टाइप 2 में हैं और इन्हें इंसुलिन लेनी पड़ रही है। डॉ। राकेश कुमार ऐरन ने बताया कि डायबिटीज ब्रेन, हर्ट, लंग्स, लिवर और किडनी को इफेक्ट कर रही है। मेंटल स्ट्रेस को कम करें, नशे की आदतों को छोड़ें।

लाइफ स्टाइल ने बनाया मरीज

मेरठ बाईपास स्थित होटल ब्रावुरा में शनिवार को आयोजित इंटरस्टेट डायबिटीज कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए डायरेक्टर जनरल हेल्थ एजुकेशन प्रो। केके गुप्ता ने डायबिटीज को एक गंभीर बीमारी बताया। दो दिवसीय रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) द्वारा आठवें प्रदेशस्तरीय अधिवेशन का आयोजन किया गया। इस दौरान डॉ। अदीप मिश्रा और डीजी हेल्थ एजुकेशन प्रो। केके मिश्रा मौजूद थे। इस अधिवेशन में करीब 700-800 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। इस दौरान संस्था के यूपी चैप्टर के चेयरमैन डॉ। राकेश ऐरन, सेक्रेटरी डॉ। एनके सोनी, साइंटफिक कमेटी के चेयरमैन डॉ। आलोक गुप्ता, डॉ। तनुराज सिरोही, डॉ। वीरोत्तम तोमर, डॉ। सुनील शर्मा आदि ने अपने वक्तव्य दिए।

एक नजर में

इंटरनेशनल डायबिटिक फेडरेशन के मुताबिक डायबिटीज के चलते 330 बिलियन डॉलर इकोनॉमी लॉस प्रतिवर्ष हो रहा है।

2025 तक विश्व में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 380 मिलियन हो जाएगी, जिसमें से 300 मिलियन डायबिटीज के मरीज विकासशील देशों में होंगे।

इंडिया में गरीब से गरीब डायबिटिक व्यक्ति अपनी कमाई का 34 प्रतिशत इलाज पर खर्च कर रहा है।

देश में 35-40 आयुवर्ग के 12 प्रतिशत लोगों को डायबिटीज।

देश में 7.50 से 8 करोड़ लोग डायबिटीज के मरीज।

डायबिटीज मीटर

खाली पेट

110 सामान्य, उससे ज्यादा तो प्री डायबिटीज स्टेज।

125 है तो डायबिटीज है।

खाने के बाद

150 तक है तो सामान्य, उससे ज्यादा है तो प्री डायबिटीज स्टेज।

200 है तो डायबिटीज है।