Lucknow: सब जूनियर, जूनियर हो या फिर सीनियर अब किसी भी फुटबाल टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए खिलाडिय़ों को अपना बीमा करवाना जरुरी होगा। बिना बीमा करवाए उन्हें फुटबाल का एक भी मैच खेलने की छूट नहीं दी जाएगी। फुटबाल मैचेस के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं के चलते ऑल इंडिया फुटबाल फेडरेशन (एआईएफएफ) ने इसी साल यह निर्णय लिया है.
इसके चलते लखनऊ में तमाम क्लब और खिलाड़ी परेशान है कि वे फुटबाल खेले या फिर बीमा करवाएं। फुटबाल क्लब के तमाम संचालक इन दिनों उलझन में है। वे इंश्योरेंस के लिए ऑफिसेज के चक्कर लगा रहे हैं.
फुटबाल जगत से जुड़े तमाम लोगों ने बताया कि पिछले साल बंगलुरु में हुए एक ऑल इंडिया फुटबाल टूर्नामेंट के दौरान दो खिलाडिय़ों की मौत हो गई। इनमें से एक खिलाड़ी अनफिट था। उसे अपनी अंदरूनी हालत का पता नहीं था। मैच के दौरान दौड़ते-दौड़ते वह गिर पड़ा और उसकी डेथ हो गई। बाद में पता चला कि हार्टफेल से उसकी मौत हो गई। वहीं टूर्नामेंट में एक मुकाबले के दौरान दो खिलाडिय़ों के हेड आपस में टकरा गए। ये भिड़ंत इतनी तेज थी कि इसमें से एक खिलाड़ी की मौत हो गई.
घरवालों ने लगाया था हत्या का आरोप
 ऐसे में मृतक के घरवालों ने फुटबाल टूर्नामेंट के आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करा दी। इन घटनाओं से सबक लेते हुए ऑल इंडिया फुटबाल फेडरेशन ने अब सभी फुटबाल टूर्नामेंट से पहले ही हर खिलाड़ी का बीमा कराए जाने और उसका मेडिकल सर्टिफिकेट जमा कराए जाने का नियम बना दिया है।
फुटबाल के 25 क्लब हैं सिटी में
एक अन्य खिलाड़ी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि शहर में फुटबाल के लगभग 25 क्लब होंगे, जिनमें लगभग 300 खिलाड़ी जुड़े होंगे। फुटबाल के खिलाडिय़ों ने बताया कि हम जिस क्लब से खेलते हैं, वे हमसें ही बीमा की रकम वसूलेंगे। जुलाई फस्र्ट वीक से ही यहां पर फुटबाल लीग होनी है। अब इस लीग में बिना इंश्योरेंस कराए और मेडिकल बनवाए हम नहीं खेल पाएंगे। इसी चक्कर में तमाम फुटबाल प्लेयर्स इंश्योरेंस ऑफिसेज के चक्कर लगा रहे हैं।
सभी को कराना होगा इंश्योरेंस
लखनऊ फुटबाल एसोसिएशन के सचिव कन्हैया लाल ने बताया कि हर खिलाड़ी का मेडिकल जरूरी है। साथ ही टूर्नामेंट खेलने से पहले उसे इंश्योरेंस कराना होगा। बिना इंश्योरेंस कराए किसी भी प्लेयर को फुटबाल का एक भी मैच की  खेलने को छूट नहीं दी जाएगी। एक क्लब साल भर के लिए अपने मेम्बर्स का बीमा करा सकता है।
नहीं हो सकी वापसी
स्पोटर्स कॉलेज के पूर्व प्लेयर संदीप बालियान को घुटने में चोट लग गई थी। उसके बाद वह फुटबाल नहीं खेल सके। इसी तरह से आरए ब्वायज क्लब के रवीन्द्र कुमार भी चोट के बाद वापसी नहीं कर सके। वाराणसी हॉस्टल के पूर्व प्लेयर श्याम सुंदर कैंट स्पोर्टिं्ग से फुटबाल खेलते थे। मैच के दौरान लगी चोट से उन्होंने भी यह गेम छोड़ दिया। न्यू ब्वायज से खेलने वाले विवेक कुमार भी चोट के चलते अब फुटबाल नहीं खेलते.

एक खिलाड़ी कॅरियर बनाने के लिए प्रोफेशनली खेलना शुरू करता है। ऐसे में शुरुआती दौर में यदि उसे चोट लग जाती है और वह वापसी नहीं कर सका तो सारा खेल खत्म। ऐसे में इंश्योरेंस होने से उसे कुछ हेल्प मिल जाएगी.
सतवंत सिंह
स्पोट्र्स कॉलेज के पूर्व कोच

खिलाडिय़ों की सुरक्षा के नजरिए से यह सही फैसला है। सिर्फ मौत ही नहीं कई बार टूर्नामेंट में ऐसी चोट भी लग जाती है जिसके चलते खिलाड़ी की इंट्री वापस फील्ड पर नहीं हो सकती। ऐसे में इंश्योरेंस होने से खिलाडिय़ों को ही फायदा होगा।
धन सिंह
पूर्व नेशनल फुटबाल प्लेयर