- कॉलेज अपने स्तर से शुरू कर सकते हैं कोर्स

- कोर्स शुरू करने के लिए एलयू से लेनी होगी मान्यता

LUCKNOW : लखनऊ यूनिवर्सिटी सेशन 2019 से चार वर्षीय इंट्रीग्रेटेड बीएड कोर्स का संचालन नहीं करेगी। एलयू प्रशासन का कहना है कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) इस कोर्स को भले की 2019-2023 के सेशन से शुरू करने को कहा है पर यूनिवर्सिटी इस कोर्स को पूरी स्टडी, नियम और इंफ्रास्ट्रक्चर को देखने के बाद ही शुरू करेगी। एलयू ने यह भी साफ किया है कि इंट्रीग्रेटेड बीएड कोर्स के लिए वह अपने स्तर से नया सिलेबस अगले साल तैयार कर लेगी।

यूनिवर्सिटी नहीं बाध्य

यूनिवर्सिटी के कुल सचिव एसके शुक्ला ने बताया कि एनसीटीई ने जो गाइड लाइन जारी की है, उसे यूनिवर्सिटी मानने को बाध्य नहीं है। यूनिवर्सिटी अपने स्तर से तय करेगी कि कोर्स कब और कैसे शुरू करना है। कोर्स की रूप रेखा तैयार करने के लिए संबंधित विभाग को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। एनसीटीई की ओर से दिए गए आदेश का आकलन किया जा रहा है।

पहले बनेगा सिलेबस

एजुकेशन डिपार्टमेंट की एचओडी प्रो। अमिता वाजपेयी ने बताया कि एनसीटीई के नोटिफिकेशन और कोर्स की विस्तृत जानकारी देने के लिए सात दिसंबर को दिल्ली में सभी यूनिवर्सिटी की बैठक बुलाई गई थी, जिसे आगे के लिए टाल दिया गया है। प्रो। वाजपेयी ने बताया कि एलयू इसका सिलेबस संबंधित विभागों से तैयार कराएगा। एनसीटीई की ओर से निर्धारित इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरा किया जाएगा। इसे करने में एक साल का समय लग सकता है। इसके बाद ही एलयू में इंट्रीगे्रटेड बीएड कोर्स शुरू होंगे।

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कॉलेज शुरू कर सकते हैं कोर्स

कुल सचिव आरके शुक्ला ने बताया कि एनसीटीई ने कॉलेजों को यह कोर्स इसी सेशन से शुरू करने को कहा है। अगर एलयू से संबंधित कॉलेज इसे शुरू करना चाहते हैं तो उन्हें नए सिरे से इस कोर्स के लिए संबद्धता लेनी होगी। एनसीटीई के निर्धारित मानकों और शिक्षकों की संख्या पूरी करनी होगी। इस कोर्स के लिए एनसीटीई की ओर से जो सिलेबस वेबसाइट पर दिया गया है, उसे फालो करना होगा।