-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट सीजन छह में जुटी अभ्यर्थियों की भीड़

-ओपेन सेंटर्स के जरिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स के लिए किया गया था एग्जाम का आयोजन

ALLAHABAD: करियर संवारने की चाहत सभी स्टूडेंट्स में होती है, लेकिन कई बार वे पैरेंट्स, रिलेटिव्स के दबाव में या फिर दोस्तों को देखकर खुद के लिए गलत करियर का सलेक्शन कर लेते हैं। इसका खामियाजा उनको आगे चलकर उठाना पड़ता है। बेहतर करने की सम्भावना होने के बाद भी ऐसी परिस्थिति में स्टूडेंट्स अपने करियर की ऊंचाईयों तक नहीं पहुंच पाते हैं। स्टूडेंट्स की इसी समस्या को दूर करने और खुद को सही तरीके से जज करने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से रविवार को इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट सीजन 6 का आयोजन किया गया। रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कालेज में आयोजित टेस्ट में ओपेन सेंटर्स के जरिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स शामिल हुए। आईआईटी यानी इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट में शामिल होने के लिए स्टूडेंट्स में गजब का उत्साह देखने को मिला। खुद को जज करने का जज्बा लिए सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स एग्जाम सेंटर पर पहुंचे। स्टूडेंट्स में खुद को परखने को लेकर इतनी उत्सुकता दिखी कि कई स्टूडेंट्स तो रिपोर्टिग टाइम के पहले ही एग्जाम सेंटर पर पहुंच गए। स्टूडेंट्स का हौसला बढ़ाने और उनको पूरा सपोर्ट देने के लिए पैरेंट्स भी एग्जाम सेंटर तक पहुंचे। यही नहीं पैरेंट्स एग्जाम के दौरान पूरा समय परीक्षा केन्द्र के बाहर डटे रहे।

माइनस मार्किंग का दिखा डर

आईआईटी यानी इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट के दौरान क्लास फिफ्थ से लेकर 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस दौरान स्टूडेंट्स माइनस मार्किंग के कारण पूरी सजगता के साथ परीक्षा देते हुए दिखे। खासतौर पर प्रश्नों के सब्जेक्ट वाइज प्रश्नों को सॉल्व करने में स्टूडेंट्स को ज्यादा दिक्कत होती नहीं दिखी। कुछ प्रश्नों को अगर छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर स्टूडेंट्स ने सब्जेक्ट वाइज सभी प्रश्नों को बड़ी सहजता के साथ सॉल्व कर लिया। जबकि एप्टीट्यूट टेस्ट से जुड़े प्रश्नों को सॉल्व करने में स्टूडेंट्स के माथे पर टेंशन जरूर दिखी। क्लास 5 की मानसी ने बताया कि पहली बार वह ओएमआर सीट पर कोई एग्जाम दे रही है, इसे लेकर उनको शुरु में थोड़ी टेंशन थी कि आखिर ओएमआर सीट पर कैसे पेपर को सॉल्व किया जाता है। लेकिन क्लास में मौजूद इनविजिलेटर द्वारा ओएमआर भरने में मदद करने के बाद उन्हें इस बारे में पता चल गया और उन्होंने आराम से अपने प्रश्नों को सॉल्व कर लिया। वहीं कई स्टूडेंट्स कुछ प्रश्नों को लेकर जरूर शंका में दिखे। स्टूडेंट्स प्रश्नों के आंसर को लेकर सशंकित दिखे, उनका कहना था कि इन प्रश्नों के आंसर उनको याद नहीं थे, उन्होंने अंदाजे से प्रश्नों को सॉल्व कर लिया। ऐसे में मानस मार्किंग के कारण उनके सही प्रश्नों के अंक भी कट सकते हैं।

- ओएमआर भरने में गलती हुई थी, जिसे बाद में सही कर लिया। इसमें थोड़ा समय खराब हुआ। हालांकि सभी क्वैश्चन किए हैं। पेपर बहुत अच्छा था।

मान्या त्रिपाठी, क्लास 5

- पेपर बहुत अच्छा आया था। क्वैश्चन को सॉल्व करने में बहुत मजा आया। नेक्स्ट टाइम भी इसमें पार्टिसिपेट करने का मौका मिला तो जरूर करूंगी।

इशानवी, क्लास 5

- कुछ क्वैश्चन थोड़े टेंशन देने वाले थे। खासतौर पर एप्टीट्यूट सेक्शन के प्रश्न। हालांकि पेपर अच्छा रहा।

आयुष, क्लास 8

- मैथ्स के पोर्शन को लेकर थोड़ी टेंशन हो रही थी। इसके अलावा दूसरे प्रश्नों को सॉल्व में ज्यादा प्रॉब्लम नहीं हुई। इस प्रकार के टेस्ट में सबसे बड़ा फायदा रहता है कि हमारे अंदर कांफिडेंस बढ़ता है।

दीपक मौया, क्लास 12

- फार्म भरने के बाद से तैयारी कर रही थी, खासतौर पर सब्जेक्ट वाइज तैयारी करने से फायदा हुआ। सब्जेक्ट वाइज प्रश्नों को सॉल्व करने में कोई खास दिक्कत नहीं हुई।

सौम्या, क्लास 12

- प्रश्नों का स्टैंडर्ड काफी अच्छा था। इसलिए उनको सॉल्व करने में ठीक रहा। मैथ्स के क्वैश्चन थोड़े टफ थे। अगर ओवर ऑल की बात करें तो सब ठीक रहा।

कार्तिकेय अग्रवाल, क्लास 11