जिले के इंटर तक के सभी स्कूल 25 तक बंद, कई कोचिंग में भी पढ़ाई ठप

मेजा-कोरांव से सम्पर्क कटा, मिर्जापुर मार्ग पर आवागमन ठप

शहर के निचले इलाकों में रहने वालों को घर खाली कर देने का आह्वान

ALLAHABAD: तीन तरफ से नदियों से घिरे शहर के आधे हिस्से में रहने वाले लोग अपने ही घरों में कैदी बन गए हैं। मेजा और कोरांव से सम्पर्क टूट गया है। नतीजा मिर्जापुर रोड पर वाहनों का आवागमन ठप हो गया है। जिले के इंटरमीडिएट तक के सभी स्कूलों को 25 अगस्त तक बंद कर दिया गया है। कई कोचिंग संस्थानों ने छात्रों को आने-जाने में होने वाली असुविधा को देखते हुए संस्थान बंद दिया है। सोमवार को पूरे दिन हुई बारिश के बाद कई मोहल्लों में नाले का पानी घरों में घुस गया। शेल्टर हाउस में शरण लेने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। सोमवार को डीएम ने सेना के हेलीकाप्टर से सहायता सामग्री बांटी। सेना को किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए एलर्ट कर दिया गया है। फिलहाल नदियों का जलस्तर घटने का कोई संकेत नहीं है। अलग बात है कि शाम तक पानी बढ़ने का स्तर थोड़ा कम हो गया।

पांच लाख की आबादी प्रभावित

शहर की करीब पांच लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है। अब भी लहरों का रौद्र रूप जारी है। मंगलवार को जलस्तर में करीब सवा मीटर तक और बढ़ोत्तरी होने की संभावना जताई जा रही है। जलस्तर वृद्धि को देखते हुए प्रभावित इलाकों को खाली करने की चेतावनी एडमिनिस्ट्रेशन ने जारी कर दी है। लेकिन, पाई-पाई जोड़ कर अपना आशियाना बनाने और गृहस्थी संवारने वाले लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

टूट सकता है 2013 का रिकार्ड

रौद्र रूप धारण कर चुकी गंगा-यमुना की लहरों को रोकने और शहरी इलाकों को बाढ़ से प्रभावित होने से बचाने में एडमिनिस्ट्रेशन का सिस्टम फेल हो चुका है। खतरा बिन्दु से ऊपर बह रही लहरों को रोक पाना अब बिल्कुल संभव नहीं है। जिस तरह से पिछले तीन-चार दिनों से जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी जारी है, उससे इस बार 2013 का रिकार्ड टूटने की संभावना जताई जा रही है। 2013 में 86.82 और 86.6 मीटर के जलस्तर पर पहुंची गंगा-यमुना की लहरों ने कहर ढाया था। सोमवार को गंगा की लहरें 86 मीटर के आंकड़े को क्रास कर गई। हमीरपुर और माताटीला बांध से हजारों क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से मंगलवार तक जलस्तर में करीब सवार मीटर तक बढ़ोत्तरी की संभावना जताई जा रही है।

बाढ़ से घिर शहर के इलाके

यमुना किनारे स्थित राजरूपपुर, करैली का गौसनगर, जेके आशियाना, करैलाबाग का आधा से अधिक इलाका, सदियाबाद की सभी बस्तियां

ससुर खदेरी नदी के छोर तक बने मकान

यमुना किनारे दरियाबाद, चाचर नाला के आस-पास के इलाकों में स्थित हजारों मकान

बलुआघाट से लेकर नए ओवर ब्रिज तक बसी बस्ती और झोपड़ पट्टियां

दारागंज का आधा से अधिक इलाका, कीडगंज की झोपड़पट्टी व निचले इलाके की बस्ती

गंगा में आए उफान से घिरा

दारागंज, बघाड़ा, छोटा बघाड़ा, ढरहरिया, चांदपुर सलोरी, ओम गायत्री नगर, गोविंदपुर, शिवकुटी, तेलियरगंज, म्योराबाद, कमला नगर, बेली, नया पुरवा, नेवादा, अशोकनगर, ऊंचवागढ़ी, गंगा नगर, मेंहदौरी, सर्कुलर रोड, पत्रकार कॉलोनी, राजापुर, नीवा, मुण्डेरा

फाफामऊ का एरिया

नैनी पुल पार यमुना के तरफ एग्रीकल्चर कॉलेज के पास, नैनी पुल के पास स्थित बस्ती बाढ़ की चपेट में है

हेलीकाप्टर से बांटी गई राहत सामग्री

चारों ओर पानी ही पानी व बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए सेना का एक हेलीकाप्टर डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को अवेलेबल कराया गया है ताकि दूर-दराज के इलाकों में बाढ़ में फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा सके। सोमवार की सुबह जिलाधिकारी संजय कुमार खुद राहत सामग्री लेकर बाढ़ प्रभावित बारा एरिया के लिए रवाना हुए। जहां उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों तक पहुंच कर उन्हें राहत सामग्री उपलब्ध कराई।

प्रभावित इलाकों से पलायन जारी

जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी से प्रभावित एरिया का दायरा बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से प्रभावित इलाकों से लोगों का पलायन जारी है। सैकड़ों घर ऐसे हैं, जो पूरी तरह से डूब चूके हैं, जिनके वाशिंदे राहत शिविरों में परिवार के साथ जीवन बिता रहे हैं। अभी फिलहाल नौ राहत शिविर शहर में बनाए गए हैं। जिनकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है।

फैक्ट फाइल

डेंजर लेवल- 84.734 मीटर

वाटर लेवल

फाफामऊ- 86.12

छतनाग- 85.96

नैनी यमुना- 85.90

गंगा में तीन सेंटीमीटर और यमुना में दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दर्ज की गई बढ़ोत्तरी

करीब पांच लाख से अधिक लोग बाढ़ से हुए प्रभावित

30 हजार से अधिक लोग बाढ़ राहत शिविरों में पहुंच चुके

करीब 11 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पानी में डूबी

नौ हजार हेक्टेयर खेती चढ़ गई बाढ़ की चपेट में