बस पांच मिनट में कही अपनी बात

कल्चरल प्रोशेसन में सभी टीमों को पांच मिनट के छोटे समय में अपनी बात जजेज तक पहुंचानी थी। प्रोशेसन में सबसे पहले आट्र्स फैकल्टी की टीम ने 'शिक्षा की वेदनाÓ प्रस्तुत की। ा आर्य महिला की टीम ने महाकुंभ में फैली अव्यवस्था पर निशाना साधा तो एमएमवी की टीम के बेहतरीन नृत्य के जरिये स्पंदन के 'शुभारंभÓ का स्वर गुंजित हुआ। वसंता कालेज की गल्र्स आज के भारत और किताबों के भारत के बीच की अंतर को स्पष्ट किया तो वीकेएम कमच्छा की गल्र्स ने विभिन्न प्रांतों का नृत्य प्रस्तुत कर देश की विविधता प्रदर्शित की। एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के  स्टूडेंट्स 'महाकुंभÓ का दृश्य उपस्थित किया। आयुर्वेद फैकल्टी की टीम ने आतंकवाद जैसे सामाजिक बुराइयों पर निशाना साधा। कामर्स की टीम ने देश की वास्तविकता से जजेज को अवगत कराया। डीएवी डिग्री कालेज के स्टूडेंट्स ने व्यंग्य के जरिये भारत की वर्तमान स्थिति का खाका खींचा.  डेंटल साइंस की टीम ने किसानों को उत्पीडऩ तो एजुकेशन फैकल्टी की टीम ने सब पढ़े सब बढ़ें का नारा बुलंद किया। लॉ फैकल्टी की टीम ने  अखंडता में एकता को दर्शाया। मैनेजमेंट फैकल्टी की टीम ने स्वतंत्रता संग्राम की झलक पेश की। मेडिसिन फैकल्टी की टीम ने स्वतंत्रता संग्राम  मं डॉक्टर्स के योगदान को दिखाया। साउथ कैंपस के टीम ने भ्रष्टाचार के रावण पर आम आदमी की विजय की कहानी प्रस्तुत की। साइंस फैकल्टी के स्टूडेंट्स ने बाल श्रम तो सोशल साइंस के टीम ने बना रहे बनारस के भाव को मंच पर उपस्थित किया। विजुअल आर्ट के टीम ने गंगा बचाओं का स्वर मुखरित हुआ.  जजेज की भूमिका प्रो आनंद वर्धन शर्मा, प्रो सुशीला सिंह व कर्नल विवेक कौल ने निभायी।

 

'आश्वासन गुरूÓ मुर्दाबाद के लगे नारे

कल्चरल प्रोशेसन चल ही रहा था कि अचानक चीफ प्रॉक्टर , बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ नारेबाजी होने लगी। आश्वासन गुरू मुर्दाबाद  के नारे भी लगेे। आडियंस के साथ सारे अधिकारी हैरान की ये क्या हो रहा है? लेकिन थोड़ी ही देर में पता चला कि यह भी एक फैकल्टी की प्रस्तुति थी। बीएचयू के एसवीडीवी फैकल्टी के स्टूडेंट्स ने बीएचयू में पिछले दिनों हुए घटनाओं को मंच पर उतारा और उनके जरिये बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन पर करारा व्यंग्य भी किया।