पति के निवास या ससुराल वाले जिले में ही किए गए आवेदन पर भी होगा विचार

ALLAHABAD: परिषदीय स्कूलों के अंतरजनपदीय तबादलों में उन महिला टीचर्स को राहत मिली है, जो स्थानांतरण की पांच वर्षीय सेवा अनिवार्यता को लेकर परेशान थीं। राज्य की सरकारी सेवा वाले दंपती पर तबादलों में पांच साल की समयसीमा लागू है पर महिला शिक्षिकाओं को इस बाध्यता से सशर्त छूट दी गई है। यह निर्देश शुक्रवार को शासन ने जारी किया है। इसके तहत केवल उन्हीं महिला टीचर्स को लाभ मिलेगा जो पति के निवास या ससुराल के जिले में स्थानांतरण के लिए आवेदन करेंगी। हाईकोर्ट से मिले निर्देश पर अमल करते हुए यह आदेश जारी किया गया है।

कोर्ट में दायर की गई थी याचिका

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की अंतरजनपदीय तबादले की प्रक्रिया जारी है। पांच साल की अनिवार्यता को लेकर बड़ी संख्या में महिला शिक्षिकाओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट ने करीब तीन सौ याचिकाओं को निस्तारित करते हुए परिषद को निर्णय लेने का निर्देश दिया था। अंतरजनपदीय तबादले 13 जून, 2017 के शासनादेश के तहत हो रहे हैं। ऐसे में परिषद ने बदलाव करने की जगह पूरा प्रकरण शासन को भेजा था। अब शासन ने उस पर निर्णय दिया है। संयुक्त सचिव ममता श्रीवास्तव ने निदेशक बेसिक शिक्षा व बेसिक शिक्षा परिषद सचिव को भेजे आदेश में कहा है कि शासन ने 19 जुलाई, 2017 को विभा कुशवाहा की याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश का संज्ञान लिया है। सामान्य स्थिति में किसी महिला या पुरुष शिक्षकों के अंतर जिला तबादले के आवेदन पत्र में तभी विचार होगा, जब उसने पांच वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो, विशेष स्थिति में महिला अध्यापकों के आवेदन पर विचार किया जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि वह पति के निवास स्थान या ससुराल वाले जिले के लिए आवेदन करती हों। ऐसे में उन महिला शिक्षिकाओं को लाभ होगा, जिन्होंने अपने ससुराल या पति के निवास वाले जिले में स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है।