चेकिंग के दौरान गिरफ्तारी

प्रेस कांफ्रेंस में एसपी रूरल अतुल शर्मा ने बताया कि क्राइम ब्रांच में तैनात एसआई रजी अहमद को सूचना मिली कि लॉटरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के कुछ मेंबर्स फिनिक्स मॉल के पास मौजूद हैं। चेकिंग के दौरान तिलहर निवासी आनंद गुप्ता व संजय गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। दोनों सगे भाई हैं। वहीं उनके साथी मुडिय़ा कैंट निवासी जावेद उर्फ विक्की, रिठौरा निवासी अतुल व एक अन्य भागने में कामयाब हो गए। दोनों के पास से चेकिंग में 4 डिफरेंट एड्रेस के वोटर आईडी कार्ड, 9 एटीएम कार्ड, 2 सिम कार्ड, 9 ड्राइविंग लाइसेंस मिले हैं। वोटर आईडी कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस पर नवाबगंज, रिठौरा, जगतपुर बारादरी, तिलहर फेक एड्रेस व डेट ऑफ बर्थ लिखी हुई हैं।

3 percent commission

जांच में सामने आया कि आनंद गुप्ता ने बीसीबी में बीकाम फस्र्ट ईयर में एडमिशन लिया है। वहीं उसका बड़ा भाई पिता राजेंद्र के साथ तिलहर में आढ़ती का काम करता है। दोनों ने पूछताछ में बताया कि वह कई साल पहले रामपुर के रहने वाले हसमत के संपर्क में आए थे। हसमत ने उनसे फेक अकाउंट ओपन कराने के लिए कहा था। इन अकाउंट में पैसा डाला जाता था। जितनी भी रकम अकाउंट में जमा होती थी उसका तीन परसेंट इन्हें मिल जाता था। इन्हें अन्य लोगों से भी अकाउंट ओपन करवाने के तीन परसेंट मिलते थे। पूछताछ में इन्होंने बताया कि अब तक यह बरेली, शाहजहांपुर, हरदोई, अमरोहा समेत कई सिटी के आईसीआईसीआई, पीएनबी, बीओबी, एचडीएफसी व अन्य बैंक की ब्रांचेज में करीब 20 अकाउंट हैं।

महाराष्ट्र के शख्स को भी ठगा

आरोपियों ने बताया कि हसमत का लिंक दिल्ली से है। वह ही मेल व एसएमएस के जरिए लॉटरी जीतने का ऑफर देता था। एसआई रजी अहमद का कहना है कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस गैंग के लिंक अमेरिका व नाइजीरिया से जुड़े हुए हैं। इस गैंग के द्वारा महाराष्ट्र के रायगढ़ के संजय शशीकांत भंडारी से भी ठगी की गई है। भंडारी को कुछ माह पहले मेल आया था कि उसने डेढ़ करोड़ की कीमत की शेवरलेट कार जीती है। कार लेने के लिए उसके दिए गए मेल पर संपर्क करना होगा। भंडारी ने मेल पर जबाव दिया तो उसे एग्जीक्यूटिव के नंबर पर बात करने के लिए कहा गया। उसे बताया गया कि विदेश से गाड़ी इंडिया में आएगी। इसके लिए कस्टम ड्यूटी लगेगी, जिसके लिए उसे डेढ़ लाख रुपए जमा करने होंगे। उसकी दिल्ली से मोनिका नाम की महिला से कस्टम अधिकारी के नाम पर बात भी करायी गई। जब संजय को विश्वास हो गया तो उसने पत्नी के ज्वैलरी बेचकर आनंद गुप्ता के अकाउंट में जमा कर दिए। लेकिन उसके बाद सभी के नंबर बंद हो गए।

करोड़ों का transaction

दोनों भाईयों के तीन अकाउंट की जांच की गई तो पता चला कि दो साल के अंदर ही इन दोनों के अकाउंट से तीन करोड़ का ट्रांजिक्शन हुआ है। ट्रांजिक्शन की रकम 15 हजार रुपये से लेकर चार लाख तक की रकम डेबिट की गई है। इस तरह से यह सिर्फ तीन अकाउंट का रिकॉर्ड है। पुलिस को दोनों भाइयों के पास से जो चेकबुक मिली है, उनमें कई चेक्स पर सिग्नेचर हैं और कई ब्लैंक हैं। यही नहीं पिछले एक माह में ही करीब इनके अकाउंट में 15 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हो चुका था।