WGFI ने रखा था प्रपोजल

विंटर गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने फिस के सामने प्रस्ताव रखा था कि इंडिया में फिस रेसेज का आयोजन किया जाए, जिसके बाद फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीईंग ने प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। डब्ल्यूजीएफआई व विंटर गेम्स एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के मुताबिक फिस की स्वीकृति के बाद फिस रेसेज का आयोजन 2014-15 में उत्तराखंड के औली और 2015-16 में जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में होंगे। बताया गया है कि इस रेसेज में दुनियाभर के प्लेयर्स, कोचेज खुद के खर्चे में पार्टिसिपेट करेंगे। नियमानुसार स्पष्ट है कि जो प्लेयर्स या कंट्रीज फिस रेसेज में क्वालिफाई कर लेती हैं, उन्हें इंटरनेशनल स्कीईंग में पार्टिसिपेट करना का मौका मिल जाता है। जाहिर है कि हर कंट्रीज के प्लेयर्स को फिस रेसेज में क्वालिफाई करना जरूरी है।

कंपनीज से मिल सकती है स्पॉन्सरशिप

विंटर गेम्स एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के जनरल सेक्रेट्री गोविंद पंत के अनुसार इस इवेंट के लिए सेंट्रल स्पोट्र्स मिनिस्ट्री से करीब 20 लाख रुपए का भी अप्रूवल मिल गया है, जबकि एक-डेढ़ करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है। जम्मू-कश्मीर ने खर्च के लिए तैयार है, लेकिन उत्तराखंड गवर्नमेंट की तरफ से अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, हालांकि डब्ल्यूजीएफआई और डब्ल्यूजीएयू इस आयोजन के लिए ओएनजीसी, एनएचपीसी, एनटीपीसी जैसे संस्थानों से स्पॉन्सरशिप लेने की जुगत में है।

सेकेंड एशियन विंटर गेम्स को प्रपोजल

साल 2011 में औली में संपन्न हुए फस्र्ट साउथ एशियन विंटर गेम्स आयोजित हुए थे। इसके बाद एक बार फिर साउथ एशियन विंटर गेम्स के आयोजन की मेजबानी उत्तराखंड को मिले, इसके प्रयास तेज हो गए हैं। डब्ल्यूजीएफआई(विंटर गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडियाक्र) ने इस पर सहमति देते हुए प्रपोजल बनाने की तैयारी कर ली है। प्रपोजल स्टेट व सेंट्रल गवर्नमेंट को देने के साथ ही इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को दिए जाने की तैयारी है। इस आयोजन के लिए 2015-16 को तय माना गया है।