कानपुर। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) 189 देशों का एक संगठन है, जो जरुरत पड़ने पर दुनिया में सदस्य देशों की आर्थिक मदद करता है। आईएमएफ की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जुलाई 1944 में ब्रेटन वुड्स, न्यू हैम्पशायर, अमेरिका समेत कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में आईएमएफ बनाने की बात कही थी और 27 दिसंबर, 1945 को भारत समेत 29 देशों ने मिलकर औपचारिक रूप से आईएमएफ का गठन किया था। बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में आईएमएफ ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

दुनिया में गरीबी खत्म करने का काम

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने, वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने, अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने, रोजगार को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास बढ़ाने और दुनिया भर में गरीबी को कम करने के लिए काम करता है। आईएमएफ के सभी सदस्य देश संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नहीं हैं और नाउरु गणराज्य आईएमएफ का नवीनतम 189वां सदस्य देश है।  नाउरु गणराज्य को प्लीजैट आइलैंड भी कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय अमेरिका के वाशिंगटन में है।

ये हैं पहले 29 सदस्य

बेल्जियम, बोलीविया, कनाडा, चीन, कोलंबिया, चेकोस्लोवाकिया, मिस्र, इथियोपिया, फ्रांस, ग्रीस, होंडुरास, आइसलैंड, इंडिया, इराक, लक्समबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूगोस्लाविया ने मिलकर 27 दिसंबर, 1945 को आधिकारिक रूप से आईएमएफ का गठन किया था।

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