-क्रिमिनल्स का नया हथियार बन गया है वीडियो और इंटरनेट कॉल, सर्विलांस पर ट्रेस न होने के कारण पुलिस के हाथ बंधे

- इंटरनेट कॉलिंग कराने वाली अधिकतर कम्पनियों के हैं विदेशों में ऑफिस, डिटेल लेना है टेढ़ी खीर

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एक तरफ पुलिसिंग को हाईटेक बनाने के साथ सोशल मीडिया व अन्य हाईटेक माध्यमों से लैस करने का काम हो रहा है। वहीं दूसरी ओर ये हाईफाई सिस्टम पुलिस के लिए अब सिरदर्द बनता जा रहा है। दरअसल मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर क्रिमिनल्स को सर्विलांस के थ्रू ट्रेस करना आसान होता है और पुलिस झट से क्रिमिनल्स की गर्दन तक पहुंच जाती है। लेकिन हाईटेक हो चुके दौर में थ्री जी के बाद फोर जी नेटवर्क के आने से इंटरनेट कॉलिंग व वीडियो कॉलिंग का जबरदस्त क्रेज बढ़ गया है। यही वजह है कि अब क्रिमिनल भी फोन का इस्तेमाल डायरेक्ट न कर इंटरनेट का यूज कर कॉलिंग कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इंटरनेट के जरिए की जाने वाली कॉल का न तो कोई रिकॉर्ड होता है और न ही इसको सर्विलांस ट्रेस कर सकता है। जिसके कारण सब कुछ जानते हुए भी पुलिस के हाथ बंध जा रहे हैं।

क्योंकि आसान नहीं है प्रॉसेस

दरअसल इंटरनेट का यूज कर जब कोई फोन करता है तो दूसरी ओर नंबर नहीं बल्कि आईपी एड्रेस ट्रेस होता है इसके साथ ही मुसीबत ये है कि व्हाट्स एप्प, फेसबुक और स्टाइप जैसी इंटरनेट कॉलिंग की सर्विस देने वाली कम्पनियों के ऑफिसेज विदेशों में हैं। पुलिस विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि इस तरह के मामलों को सुलझाने में कई समस्याएं आती हैं। क्योंकि डिटेल के लिए पुलिस को पहले गृह विभाग की अनुमति लेनी होती है। गृह विभाग विदेश मंत्रालय को पत्र लिखता है। यदि विदेश मंत्रालय अनुमति देता है तो ही काम आगे बढ़ता है वरना मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।

जेल से चलाते हैं नेक्सेस

-खुफिया विभाग के मुताबिक जेलों में बंद बड़े अपराधी इंटरनेट कॉलिंग के थ्रू जेल से ही चलाते हैं नेक्सेस

- रंगदारी मांगने या धमकी देने के लिए इसी कॉल का क्रिमिनल करते हैं यूज

- किडनैपर्स भी फिरौती की रकम वसूलने के लिए करते हैं इंटरनेट कॉलिंग का यूज

ऐसा नहीं है कि इंटरनेट के जरिए कॉल या वीडियो कॉल करने वालों को पकड़ा नहीं जा सकता है लेकिन इसके लिए काफी एडवांस सिस्टम की जरूरत है। जो अवेलेबल नहीं है। जिसके कारण दिक्कत होती है।

रचित सक्सेना, साइबर एक्सपर्ट

इंटरनेट के जरिए की गई कॉल को ट्रेस करने और क्रिमिनल तक पहुंचने के लिए पुलिस संग साइबर एक्सपर्ट की टीम काम करती है। क्रिमिनल्स अगर काफी अलर्ट हैं तो पुलिस भी काम कर रही है।

दिनेश सिंह, एसपी सिटी