27 फरवरी 2018 को प्रधान डाकघर में खुला था पीओपीएसके

- अव्यवस्थाओं के कारण सेंटर से निराश हो रहे आवेदक

- पहले की अपेक्षा कम हो गई आवेदनों की संख्या

आगरा। आगरा फोर्ट प्रधान डाकघर में स्थित पासपोर्ट सेवा केन्द्र के संचालन में इंटरनेट कनैक्टिविटी रोड़ा बन गई है। पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों की फ‌र्स्ट स्टेज की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पा रही है। इसके चलते पासपोर्ट जारी होने की प्रोसेसिंग आगे नहीं बढ़ पा रही है। आवेदनकर्ताओं की सख्या में भी कमी आई है।

पीओपीएसके में अव्यवस्थाओं का बोलबाला

पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केन्द्र (पीओपीएसके) में इस समय अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। गुरुवार को भी पासपोर्ट सेवा केन्द्र में नेट कनैक्टिविटी न होने से काम जहां का तहां ठप पड़ा हुआ था। इस बारे में केन्द्र के प्रभारी हेमन्त कुमार ने बताया कि समस्या को लेकर कंप्लेन की गई है। नेट कनैक्टिविटी न होने से काम बंद हो गया है। बता दें कि यहां पर व्यवस्थाओं के नाम पर तीन कंप्यूटर सिस्टम, दो प्रिंटर, दो कैमरा, दो फिंगर प्रिंट मशीन, एक यूएसबी, 24 बैटरी 12 वोल्ट, दो बारकोड मशीन उपलब्ध कराई गई हैं, पर इंटरनेट सेवा बाधित होने से सब बेकार साबित हो रहा है। कर्मचारी भी नेट कनैक्टिविटी न होने का बहाना बनाकर सीट से खड़े होकर चले जाते हैं।

पहले आते थे 60-70 आवेदन अब रह गए 40

शुरुआती दौर में पीओपीएसके पर प्रतिदिन आवेदनों की क्षमता 50 आवेदन रखी गई थी। बाद में इसमें इजाफा कर दिया गया। ये 60-70 हो गई। इस बारे में केन्द्र के प्रभारी हेमन्त कुमार ने बताया कि अब तकरीबन 40 आवेदन ही प्राप्त हो रहे हैं। अभी तक कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं, इनकी जानकारी नहीं है। नेट न होने से सब काम बंद पड़ा हुआ है।

ये है पासपोर्ट आवेदन की जांच प्रकिया

कोई भी व्यक्ति पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। आवेदन कर्ता को 1500 रुपये बतौर शुल्क के रूप में जमा कराने होंगे। इसके बाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय गाजियाबाद से तिथि निर्धारित कर दी जाती है। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से आवेदन जिले के पासपोर्ट नोडल अधिकारी को भेजा जाता है। जिले के नोडल अधिकारी द्वारा आवेदन को जांच के लिए संबंधित थाने या हलका के लिए भेज दिया जाता है। इसके बाद जांच के बाद आवेदन पुन: जिले के पासपोर्ट नोडल अधिकारी के पास प्रेषित कर दिया जाता है। इसके बाद आवेदन एलआईयू जिला पासपोर्ट प्रकोष्ठ द्वारा जांच कर नोडल अधिकारी के माध्यम से जांच की औपचारिकता पूरी कर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को प्रेषित कर दी जाती है। वहां से पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है।

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पहले भी गाजियाबाद जाना पड़ता था, अब भी जाना पड़ेगा क्या

पहले पासपोर्ट बनाने के लिए गाजियाबाद जाना पड़ता था। आगरा फोर्ट डाकघर में पीओपीएसके खुल जाने से आगराइट्स को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसा प्रतीत होता कि कहीं दोबारा गाजियाबाद ही नहीं जाना पड़े। बता दें कि 1997 से पहले पासपोर्ट की पूरी प्रक्रिया जिले में ही सम्पन्न होती थी। 1997 से पासपोर्ट कार्यालय गाजियाबाद से शुरू हो गया। इसके बाद 13 जिलों के पासपोर्ट गाजियाबाद से ही जारी होने लगे। इसमें आगरा, मथुरा, अलीगढ़, बागपत, बुलन्दशहर, सहारनपुर, शामली, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर शामिल हैं। आगरा में 27 फरवरी 2018 को भारी मांग पर केन्द्र शुरू हो गया है, लेकिन उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।