उसे अपनी गिरफ्त में फंसा लेता है

अपने दोस्तों व उनके ठिकानों की जानकारी के अनुसार जब एनआईए की टीम छापेमारी कर रही है, तो और भी कई चौकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। आईएम के मददगार में बिहार और झारखंड के कई व्हाइट कॉलर लोग भी शामिल हैं। सोर्सेज की मानें, तो आईएम बड़े ओहदे वालों के बेटों पर नजर रखते हुए उसे अपनी गिरफ्त में फंसा लेता है, ताकि ऐसे लड़कों की मदद से बड़े घर में आसानी से उनका आना-जाना बन पाए। इसी कड़ी में सांख्यिकी पदाधिकारी और अब बिहार के कई थानों में काम कर चुके रिटायर्ड डीएसपी इमरान हसन का नाम भी शामिल आया है।

साहब के घर था आना-जाना

बिहार के कई डिस्ट्रिक्ट में पोस्टेड डीएसपी इमरान हसन भी उन लोगों में शामिल हैं, जो आईएम को किसी न किसी रूप में मदद कर रहा था, जिसका खुलासा इम्तियाज ने किया। उसने बताया कि वो रिटायर्ड डीएसपी के डोरंडा थाना स्थित घर में जाकर रहा करता था। एनआईए ने रिटायर्ड डीएसपी इमरान हसन से तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। आतंकी से उसके रिश्ते और किस वजह से वो इम्तियाज को अपने घर में रहने को देते थे, जैसे दर्जनों सवाल से भरा एक लेटर दिया है, जिसका जवाब डीएसपी को देना है। जानकारी हो कि इसी थाना एरिया में उजैर और हैदर काजी का भी घर है।

इम्तियाज व भटकल होंगे आमने-सामने

एनआईए की टीम इम्तियाज के बताए नक्शे पर हर एक पहलू की बारीकी से जांच करने में लगी है। सोर्सेज की मानें, तो एक से दो दिनों के भीतर यासीन भटकल और इम्तियाज अंसारी को एनआईए की टीम आमने-सामने बिठाएगी और फिर कई राज से पर्दा उठेगा। जानकारी हो कि बिहार-झारखंड में एनआईए की ओर से अब तक  पांच सौ से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा क्रिमिनल्स के फ्रेंड, उसके अकाउंट और रिश्तेदार की जांच करने में भी जुटी है।

हैदर की गर्लफ्रेंड जुटाती थी फंड

गांधी मैदान ब्लास्ट की घटना के बाद से फरार तहसीन और हैदर सहित पूरा संगठन बम की बड़ी खेफ तैयार करने में भी जुटा था। तहसीन और हैदर ने 257 बम बनाए थे। बम बनाने के लिए पैसे की जो भी जरूरत पड़ती थी, उसका इंतजाम हैदर की गर्लफ्रेंड ही करती थी।