जल्द ही छोटे पर्दे पर धारावाहिक 'मेरी आवाज़ ही पहचान है' के ज़रिए लोगों से रूबरू होने जा रहीं दीप्ति का कहना है कि उन्हें करियर में वो चुनौती नहीं मिली, जिसकी उन्हें तलाश थी।

बीबीसी हिंदी से बातचीत में उन्होंने कहा,"मुझे इतने बरस हो गए फ़िल्म इंडस्ट्री में काम करते हुए लेकिन फिर भी इस बात का अफ़सोस है कि जिस तरह के चुनौतीपूर्ण किरदार मैं करना चाहती थी वो न मिलकर मुझे छोटे किरदार मिले, जो मैं कभी नहीं करना चाहती थी।"

एक कसक रह गई है : दीप्ति नवल

हाल ही में उन्हें स्टार स्क्रीन की ओर से फ़िल्म 'एनएच 10' के लिए सर्वश्रेष्ठ सह कलाकार का पुरस्कार मिला।

बतौर खलनायिका यह दीप्ति नवल की पहली फ़िल्म थी। दीप्ति क़िरदार को याद करते हुए कहती हैं, "मैं खलनायिका के किरदार के लिए तैयार नहीं थी क्योंकि ऐसा कुछ पहले नहीं मिला था।"

वे आगे कहती हैं, "लेकिन जब मैंने इसे करना शुरू किया तो अच्छा लगा। मुझे लगता है मैं हर तरह का किरदार करने को तैयार हूँ क्योंकि इतने साल काम करने के बाद भी ऐसा लगता है कि मुझे वो चुनौतीपूर्ण किरदार नहीं मिले जो मेरी अभिनय की भूख शांत करते।"

एक कसक रह गई है : दीप्ति नवल

दीप्ति ने एक और कसक का ज़िक्र किया।

दीप्ति कहती हैं, "मैंने अपने जीवन में कई प्रयास किए। चित्रकारी, अभिनय, लेखन लेकिन संगीत सीखने का शौक़ कभी पूरा नहीं हो पाया और इसके लिए मैं अपनी लापरवाही को ज़िम्मेदार ठहराती हूँ।"

एक कसक रह गई है : दीप्ति नवल

वह कहती हैं, "मैंने अभिनय और बाकी चीज़ों को ज़्यादा तवज़्ज़ो दी और संगीत सीखने की इच्छा हमेशा दबाए रखी पर इस उम्र में आकर लगता हैं कि मैंने संगीत क्यों नहीं सीखा?"

एंड टीवी पर दो गायिकाओं के जीवन पर आधारित एक धारावाहिक में गायिका बनने के बाद दीप्ति का इस ओर रुझान और बढ़ा है और वह हँसते हुए कहती हैं, "थोड़ी देर ही सही, लेकिन अब मैंने संगीत सीखने का मन बना लिया है और वैसे भी सीखने की कोई उम्र नहीं होती।''

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