जनवरी की शुरूआत में कनाडा के पुलिस आफीसर मिस्टर Michael Sanguinetti ने जब यह कमेंट पास किया था कि ‘अगर गर्लस को मोलेस्टेशन नहीं चाहिये तो वे स्लट्स की तरह फूहड़ कपड़े पहनने से बचें’ तो उन्हें अन्दाजा भी नही रहा होगा कि उनके इस इर्रिस्पान्सेबल कमेंट्स से इतना बड़ा बखेड़ा खड़ा हो जायेगा. दरअसल हुआ यूं कि उनके इस कमेंट के बाद दुनियाभर के फेमिनिस्ट्स ने विरोध जताने के लिये स्लटवाक परेड़ शुरू की और यह इतनी पापुलर हुई कि कनाडा से शुरु हुआ यह प्रोटेस्ट यूरोप और आस्ट्रेलिया होता हुआ अब एशिया में भी दस्तक दे चुका है. 31 जुलाई को दिल्ली में शेड्यूल्ड इस प्रोटेस्ट के लिये 25 हजार से भी ज्यादा लोगों के पार्टीसिपेशन की उम्मीद है. हमने बात की स्लटवाक इंडिया की आर्गनाइजिंग टीम की एक मेंबर Mishika Singh से-

Mishika Slutwalk Delhi

स्लटवाक इंडिया को लेकर अब तक तमाम अटकलें लग चुकी हैं. पहले इसका नाम बदला गया और फिर यह परेड अपनी प्रीडेसाइडेड डेट 25 जून को नहीं कराई जा सकी?


स्लवाक एक यूनीक कॉन्सैप्ट है और तमाम देशों मे इसके तौर तरीके से लोगों में कन्फ्यूजन भी है. इंडिया में हमने इसका नाम बदल कर बेशर्मी मोर्चा केवल इसलिये रखा कि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों को समझ आए. 25 जून हमारी फाइनल डेट नहीं थी. हम पहले से ही कह रहे थे कि यह डेट टेंन्टेटिव है. हम इसे बड़ा प्रोटेस्ट बनाना चाहते है और इसके लिये कालेजेस के खुलने का भी इंतजार कर रहे हैं. जुलाई लास्ट वीक में यह प्रोटेस्ट करेंगे.

स्लटवाक को कई पहलुओं पर क्रिटिसाइज भी किया जा रहा है. स्पेशली इसके ड्रेसिंग सेंस और ‘स्लट’ वर्ड के यूज पर लोगों को खासी आपत्ति है.

सही कहा, हमें क्रिटिसाइज तो किया जा रहा है मगर हमें इसका अन्दाजा था. हम लोगों को समझा रहे हैं कि वे मिसअन्डरस्टुड न हों. स्लट वाक का कोई ड्रेस कोड नही है. हमने अपील की है कि लोग उस दिन वही पहनकर आएं जो वे अपनी डेली लाइफ में पहनते हैं. ‘बेशर्मीमोर्चे’ का मक्सद अश्लीलता फैलाना बिल्कुल भी नहीं है. हम तो बस यह बताना चाहते हैं कि हमें कैसे भी कपड़े पहनने की आजादी हो. मैं पूंछती हूं कि आखिर दिल्ली में जब किसी लड़की को छेड़ा जाता है तो क्या छेड़ने वाले उसे सलवार सूट या साड़ी में देखकर छेड़ना बंद कर देते हैं. यह तो बस इंडिविजुअल फ्रीडम की बात है, इससे ज्यादा कुछ भी नहीं.  

स्लवाक इंडिया का मोटिव क्या है. दिल्ली में हम किन मुद्दों पर प्रोटेस्ट करेंगें?


वीमेन चाहे अफ़ग़ानिस्तान की हों, अमरीका की, रूस की या इंडिया की  मुद्दे सभी जगह एक से ही होते हैं. अभी भी विमेन राइट्स की बाते ज्यादा होती हैं मगर सोशल स्ट्रक्चर में खामियों की वजह से वे अपने राइट्स का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं. बहुत बार ऐसा होता है कि कुछ लोग यह साबित करने लगते हैं कि सारी ग़लती फीमेल्स की ही है जो कि सही नही है. अगर हमें यह सोच कर कपड़े पहनने पड़े कि इस कपड़े में हम छेड़े जाएंगे और उस कपड़े में नहीं तो फिर तो हमारी आजादी की सारे दावों को झुठला दिया जाना चाहिये.

इंडिया में तो हमारा मुद्दा ही लड़कियों की सेक्योरिटी और बराबरी के हक का है. जब देश की राजधानी में हालात यह हैं तो सोचिये कि बाकी जगहों पर हालात कैसे होंगे. आजकल तो अगर आप सड़क पर चल रहे हैं तो अक्सर ही ऐसा होता है कि लड़के आपके साथ मिसबिहेव करते हैं. ये लोग ऐसा करते हैं क्योंकि समाज की मानसिकता अब तक बदल नही पाई है. वे बताने लगते हैं कि हमें क्या पहनना चाहिए और क्या नहीं. हमें घर से निकलने, अपनी मर्जी के मुताबिक कपड़े पहनने, अकूपेशन चुनने और सेक्सुअल पार्टनर्स की संख्या तय करने का हक है.

'बेशर्मीमोर्चे’ का मक्सद अश्लीलता फैलाना नहीं है

स्लटवाक को दिल्ली में कराने का आइडिया कैसे आया?

जब टोरंटो मे स्लवाक में लोगों का पार्टीसिपेशन देखा और मुद्दो की गम्भीरता समझ में आई तो लगा कि इंडिया में इस तरह के प्रोटेस्ट्स की खासी जरूरत है. स्लटवाक को इंडिया में कराने का आइडिया उमंग सबरवाल का था. फिर उसने इसे ग्रुप में शेयर किया. हमने मीटिंग्स की और कई सारी लंबी-लंबी डिबेट्स के बाद आखिरकार हमने स्लटवाक को इंडिया में कराने का प्लान फाइनल कर लिया. शुरूआत कुछ चंद लोगों से हुई थी मगर आज हमें एक बड़ी टीम का सपोर्ट मिल रहा है.

लोगों से इस प्रोटेस्ट के बारे में कैसा रिएक्सन मिल रहा है?

हमें हर जगह से भरपूर रिस्पान्स मिला है. फेसबुक पर ही लगभग 15 हजार लोगों ने कहा है कि वे इस परेड का हिस्सा बनेंगे. मीडिया ने भी हमारे मैसेजेज को पहुंचाने में हमारी पूरी मदद की है. कुछ छोटी मोटी धमकियों और क्रिटिसिज्म को छोड़ फिलहाल हमें पाजिटिव रिस्पांस ही मिला है. मुझे शोभा डे का कमेंट सुनने को मिला. वो टीवी पर कह रही थीं कि इंडिया में इस परेड का रिलेवेन्स क्या है. हमने उन्हे उनकी सोच के साथ अकेला ही छोड़ दिया.

क्या अब तक वेन्यू या डेट तय हो पाई है?


हमें अभी तक कन्फर्म पर्मीशन नहीं मिली है. हमें भरोसा है कि इसमे ज्यादा दिक्कते नहीं आएंगी. जैसे ही आफिशियल पर्मीशन मिलती है हम अपनी वेबसाइट पर अपडेट करेंगे.