RANCHI: विस्फोटक रखने के आरोप में गिरफ्तार हिंदपीढ़ी निवासी इंतेजार अली को करीब दो माह बाद सिविल कोर्ट से गुरुवार को जमानत मिल गई। उन्हें दस-दस हजार रुपए के निजी मुचलकों पर जमानत मिली है। कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इंतेजार अली को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से रिहा कर दिया जाएगा।

राजनीतिक संगठनों ने किया था विरोध

पेशे से चिकित्सक इंतेजार अली की गिरफ्तार का परिजन, मुहल्ले के लोग व राजनीतिक संगठनों ने विरोध किया था। इंतेजार अली को निर्दोष बताते हुए रिहाई की मांग सीएम रघुवर दास से की गई थी। मामले में सीआईडी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था। इसके बाद सीआईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में इंतेजार अली को क्लीन चिट दी थी। साथ ही झारखंड पुलिस के तीन अफसरों पर कार्रवाई की अनुशंसा भी की थी।

तीन सितंबर को खारिज हुई थी जमानत

इंतेजार अली के परिजनों ने तीन सितंबर को भी जमानत पर रिहा करने के लिए रेलवे कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी कंकण पट्टेदार की अदालत में याचिका दाखिल की थी। लेकिन, सुनवाई के बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था।

क्म् सितंबर को अदालत ने मांगी थी केस डायरी

गौरतलब हो कि हिंदपीढ़ी निवासी इंतेजार अली की जमानत के लिए उसके परिजनों ने प्रधान न्यायायुक्त एके सिंह की अदालत में याचिका दायर की थी। इसमें इंतेजार को निर्दोष बताया गया था। तब अदालत ने इस मामले में क्म् सितंबर को पुलिस से केस डायरी की डिमांड की थी।

ख्0 अगस्त को किता रेलवे स्टेशन से हुई थी गिरफ्तारी

आर्मी इंटेलिजेंस व रांची पुलिस की टीम ने हटिया-व‌र्द्धमान एक्सप्रेस में विस्फोटक रखने के आरोप में इंतेजार अली को गिरफ्तार किया था। बताया जाता है कि जहां इंतेजार बैठा था, उसी बोगी में एक बैग में विस्फोटक रखे हुए थे। बैग की तलाशी लेने के बाद उसमें से ख्ब् पीस जिलेटिन स्टिक, छह बम, छह डेटोनेटर, आधा किलो आरडीएक्स, चार किलो यूरिया, ख्भ्0 ग्राम गंधक, छह टाइमर, एक किलो बारूद, ख्भ् मीटर वायर बरामद किया गया था।