सीसीएसयू में स्टूडेंट्स को सिखा रहे वैक्टीरिया टेस्ट

कई नए टॉपिक्स जुड़े, कैंपस में करा सकेंगे निशुल्क जांच

Meerut। अब सीसीएसयू में भी ब्लड ग्रुप टेस्ट, हीमोग्लोबिन, ईएसआर, आरबीसी, डब्ल्यूबीसी टेस्ट करा सकते हैं। जी हां यूनिवर्सिटी में मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी पढ़ने वाले स्टूडेंट्स व टीचर्स मिलकर ही ये टेस्ट कर रहे हैं, यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को कई तरह के टेस्ट करने सिखाए गए हैं। यही नहीं कोर्स में कुछ अन्य टेस्ट भी जोड़े गए हैं, जो प्रैक्टिकल सिखाया भी जा रहा है, एग्जाम में इन सबके बारे में पूछा भी जाएगा।

यूजी व पीजी लेवल

यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मेडिकल माइक्रोबायो से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को ही इसका फायदा मिल रहा है। नए सत्र में स्टूडेंट्स को और भी डीप लेवल पर पढ़ाया जाएगा, इसके साथ ही प्रैक्टिकल भी कराया जाएगा।

इनका मिल रहा है फायदा

अभी फिलहाल ब्लड ग्रुप, हीमोग्लोबिन, ईएसआर, आरबीसी, डब्ल्यूबीसी आदि की जांच के बारे में सिखाया जा रहा है। नेक्स्ट इयर से वायरस, बैक्टीरिया व कई नए केमिकल के बारे में भी बताया जाएगा। इसके अलावा कई और भी टेस्ट जोड़े जाएंगे।

एग्जाम भी होंगे सवाल

केवल इन टॉपिक्स के बारे में सिखाया ही नहीं जा रहा है, बल्कि इस साल होने वाले प्रैक्टिकल एग्जाम में भी इनके बारे में पूछा जाएगा व कुछ प्रैक्टिकल कराए भी जाएंगें। यूनिवर्सिटी में ये टेस्ट फ्री में कराए जा रहे हैं। कैंपस की फैकल्टी, स्टूडेंट्स फ्री ऑफ कास्ट इस टेस्ट को करा सकते हैं।

आईएसओ से मिलेगा फायदा

सीसीएसयू में माइक्रोबायोटेक्नोलॉजी विभाग को आईएसओ 9001:2015 सर्टिफिकेट से प्रमाणित किया गया है। इस सर्टिफिकेट की प्रमाणिकता मिलने से यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को काफी फायदा मिलेगा। प्लेसमेंट में सबसे पहले इसी सर्टिफिकेट से संबंधित कोर्स को प्रमाणिकता दी जाती है। अभी विभाग से मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी से 16 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं।

स्टूडेंट्स को काफी कुछ सिखाने का प्रयास किया जा रहा है। विभाग को आईएसओ प्रमाण के बाद विभाग में मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी को एमसीआई की मान्यता व अप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी पाठ्यक्रम के छात्रों को रोजगार की संभावनाएं बढ़ गई है।

प्रो। वाई विमला, विभागाध्यक्ष, माईक्रोबायोलॉजी

विभाग को आइएसओ सर्टिफिकेट मिला है जो बहुत ही गर्व की बात है। इससे स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट में सबसे बड़ा फायदा होने वाला है। हमारा प्रयास है कि हम स्टूडेंट्स को बेहतर नॉलेज दे।

डॉ। दिलशाद अली, असिस्टेंट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलोजी विभाग