---सिस्टम कोलैप्स्ड, लौटने लगी इन्वेस्टमेंट को आई कंपनियां

आई एक्सक्लूसिव

-कंपनी ने वापस ली बैंक गारंटी, ज्रेडा को लिखा लेटर

Figures speak

1200 मेगावाट के पावर प्लांट लगाने का कई कंपनियों के साथ सरकार ने किया है एमओयू

16 माह बाद भी बिजली वितरण निगम ने पीपीए पर नहीं किया है साइन

mayank.rajput@inext.co.in

RANCHI (26 Aug.): यदि आपके घर में बिजली नहीं मिल रही है, तो इसकी सबसे बड़ी वजह राज्य में सिस्टम का कोलैप्स्ड होना है। आलम यह है कि झारखंड में इन्वेस्टमेंट के लिए एमओयू कर चुकी कंपनियां लौटने लगी हैं। इससे राज्य में रोजगार के जो हसीन सपने दिखाए जा रहे थे, उसे तगड़ा झटका लगा है। ताजा मामला झारखंड में 7भ् मेगावाट का ग्रिड कनेक्टेड पावर प्लांट लगाने वाली कंपनी एक्मे पावर से जुड़ा हुआ है, जो क्म् महीने के लंबे इंतजार के बाद भी पावर परचेज एग्रीमेंट नहीं होने के कारण अब झारखंड में प्लांट लगाना नहीं चाह रही है। इस संबंध में कंपनी की ओर से झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी(ज्रेडा) को लेटर लिखकर सूचना दे दी गई है। वहीं, कंपनी ने अपनी बैंक गारंटी भी वापस ले ली है।

माचर् ख्0क्म् में मिला था काम

ज्रेडा द्वारा ग्लोबल टेंडर के जरिए कंपनी को झारखंड में 7भ् मेगावाट का ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट लगाने का काम मिला था। मार्च ख्0क्म् में कंपनी को काम मिला था। इसके बाद कंपनी की ओर से प्लांट लगाने के लिए जमीन का सर्वे तक कर लिया गया। प्लांट लगाने की पूरी योजना बन गई थी, लेकिन सरकार की ओर से क्म् महीने बाद भी पावर परचेज एग्रीमेंट पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। नतीजन, अब कंपनी ने राज्य से जाने का निर्णय ले लिया है।

बिजली दर तय नहीं कर पाई सरकार

गौरतलब हो कि क्ख्00 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए कई कंपनियों का सेलेक्शन किया गया है। सभी कंपनियों को झारखंड के अलग-अलग जिलों में ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट लगाना है। लेकिन बिजली वितरण निगम द्वारा क्म् महीने बाद भी यह तय नहीं किया जा सका कि कंपनियों द्वारा उत्पादित बिजली सरकार किस दर से खरीदेगी। पावर परचेज एग्रीमेंट नहीं होने के कारण कंपनियां अपना काम शुरू नहीं कर पा रही हैं। पीपीए साइन नहीं होने के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा है।

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करोड़ों की बैंक गारंटी, कट रहा इंट्रेस्ट

कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि मार्च ख्0क्म् में हमलोगों ने टेंडर हासिल किया था। हमारा अनुमान था कि ख्0क्म् में सरकार हमारे साथ हर तरह का टेक्निकल एग्रीमेंट एमओयू करके काम शुरू करवा देगी। लेकिन क्म् महीने पूरा होने के बाद भी अब तक पीपीए साइन नहीं हो पाया है। जबकि एक- एक कंपनी को करोड़ों रुपए की बैंक गारंटी लगी है। जिसपर हर महीने बैंक इंट्रेस्ट ले रहा है। लेकिन कंपनियों का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। इस कारण उनको घाटा हो रहा है। नतीजन, अब कंपनियां काम छोड़कर अपनी बैंक गारंटी वापस लेकर जा रही हैं।

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इन्वेस्टमेंट व राेजगार को बड़ा झटका

सरकार रोजगार और इन्वेस्टमेंट को लेकर हर तरह से प्रचार कर रही है। लेकिन दूसरी ओर कंपनियां वापस जा रही हैं। एक्मे पावर के वापस जाने से रोजगार और इन्वेस्टमेंट को बड़ा झटका लगा है। कंपनी का प्लांट लगने से करोड़ों रुपए का इन्वेस्टमेंट होता। साथ ही सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलता।