Lucknow: महंगाई के इस दौर में जीना तो मुश्किल था ही अब मरना भी मुश्किल हो गया है। और आपको सुनकर शायद आश्चर्य होगा कि इसकी एक वजह जमीन का महंगा होना भी है। जी हां, महंगाई के दौर में प्रॉपर्टी के साथ-साथ कब्रों के दाम भी बढ़ गये हैं। यहां कब्रों का सौदा भी प्रापर्टी की तरह हो रहा है। इसी वजह से जीने से ज्यादा मरने के बाद के खर्चे सामने आ रहे हैं। कब्रों की कीमत ढाई हजार रुपये से 75 हजार रुपये वसूल की जा रही है।

बढ़ रही हैं हयाती कब्रें

ऐसी कब्रें जिन्हें मरने से पहले ही परचेज कर लिया गया हो उन्हें हयाती कब्र कहते हैं। अब ऐसी कब्रों की संख्या बढ़ रही है जिससे कब्रिस्तानों में जगह की कमी पडऩे लगी है। मरने के बाद दफन करने के लिए जगह की कमी ना पड़ जाए इसलिए लोग मरने से पहले ही अपनी कब्र के  लिए जमीन खरीद रहे हैं।

कब्रों की रिसेल पर मिल रहा है अच्छा पैसा

कब्रिस्तान में कम हो रही जगह ने प्रापर्टी डीलर जैसा कारोबार करने वालों को एक नया धंधा दे दिया है। शहर में कई ऐसे लोग हैं जो कब्रों को खरीद कर रिसेल कर रहे हैं। इस कारोबार में कब्रिस्तान के मुतवल्ली भी उनका सहयोग कर रहे हैं। चौक में रहने वाले एक व्यक्ति ने नाम ना छापे जाने की शर्त पर बताया कि वह हयाती कब्र के सिलसिले में एक कब्रिस्तान गये तो वहां कब्र का रेट हाई था।

जबकि दूसरे कब्रिस्तान में रेट उससे आधा था। इसकी शिकायत की तो मुतवल्ली ने कहा कि आप दोनों कब्रिस्तान में कब्र खरीद लीजिये। बाद में रिसेल कर दीजियेगा। आपको अच्छा रेट मिल जाएगा।

मुर्दों से ज्यादा है जिंदा लोगों की कब्र

इसी तरह का एक कब्रिस्तान भी सामने आया जहां मुर्दों से ज्यादा जिंदा लोगों की कब्र की तख्ती लगी हुई है। यह कब्रिस्तान है तालकटोरा कर्बला के कैंपस में बन रहे नये रौजे के पास। यहां पर कब्रों की कीमत सात हजार रुपये से दस हजार रुपये है। रेट अभी कम है शायद इसी लिये यहां डिमांड ज्यादा है। यहां की ज्यादातर कब्रें हयाती हैं। यानी जिंदा लोगों की कब्रें।

सबसे महंगी कब्र गुफरामआब में

यहां कब्रों की कीमत आसमान छू रही है। मन मुताबिक जगह पर अगर अपनी कब्र बनवाने की इच्छा रखते हैं तो इसके लिए आपको भारी रकम अदा करनी पड़ेगी। यह रकम दस बीस या पचीस-पचास हजार रुपये नहीं बल्कि 75 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक है। इतना ही नहीं इस कब्रिस्तान में एक और सुविधा आपको दी जा रही है। अपनी कब्र बेचने की सुविधा। यानी रेट बढऩे पर आप अपनी ही कब्र किसी दूसरे को बेच सकते हैं।

डोनेशन के नाम पर बेची जाती हैं कब्रें

कब्रों का सौदा डोनेशन के नाम पर किया जा रहा है। इसकी बाकायदा रिसीप्ट तक दी जाती है। गुफरामआब और आगा बाकर में कब्र के लिए जगह कम बची है। इसलिए इन दोनों स्थानों पर कब्रों के रेट बढ़ गये हैं। हालांकि वक्फ बोर्ड ने कब्रों का पैसा ना लिये जाने के लिए गुफरानमआब के मुतवल्ली को नोटिस दिया है।

कब्रों के सौदे पर रोक

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कब्रों के सौदे पर रोक लगाने की नोटिस जारी की है। लेकिन ज्यादातर कब्रिस्तान इसका पालन नहीं कर रहे हैं। कब्रों के सौदे पर रोक के बाद भी कब्र के  लिए जगह हासिल करने के लिए मोटी रकम वसूल की जा रही है।

मुतवल्ली को दिया नोटिस

शिया सेंट्रल बोर्ड आफ वक्फ़स के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने गुफरानमऑब इमामबाड़े के मुतवल्ली मौलाना कल्बे जव्वाद को नोटिस भेज कर पिछले पांच साल में कब्र के एवज में लिये गये पैसों का लेखा जोखा मांगा है और साथ ही यह भी कहा गया है कि यहां दफन होने वाले लोगों के परिवार वालों से किसी तरह की कोई पैसा वसूल नहीं किया जाएगा।

उधर, आगा बाकर इमामबाड़े के मुतवल्ली ने कहा है कि वह उन सभी के पैसे लौटाने को तैयार हैं। उन्होंने शर्त रखी है जिनको कब्र के लिए दिया गया पैसा वापस चाहिए वह अपने बुजुर्गों की कब्र से पत्थर हटा लें। क्यों कि कब्रिस्तान में जगह कम बची है. 

हराम है कब्रों का सौदा करना

इस बारे में ईरान के कुम से सवाल किया गया था कि क्या कब्र के बदले किसी तरह का डोनेशन या फीस कब्रिस्तान के संरक्षक वसूल सकते हैं? इसके जवाब में ईरान से फतवा आया था कि कब्र के बदले किसी तरह के मुआवजे की मांग जायज नहीं है। यानी कब्रों के लिए पैसा लेना हराम है।

Reported By: Yasir Raza