- शॉर्ट नहीं लांग टर्म में इंवेस्टर को होगा फायदा

- एक साल के 15 से 20 परसेंट का मिलेगा फायदा

BAREILLY:

गवर्नमेंट द्वारा गोल्ड के इम्पोर्ट पर अंकुशों में ढील के बाद सर्राफा मार्केट नरम पड़ गया है। गोल्ड और सिल्वर के दाम इस साल के अपने नीचले स्तर पर आ गए हैं। सर्राफा मार्केट के गिरते स्तर को देखकर मैक्सिमम इंवेस्टर

मार्केट में पैसे लगाने से डरने लगे है। लेकिन यह डर वाजिब नहीं है। क्योंकि, एक्सपर्ट इसे एक अच्छा संकेत मान रहे हैं। सर्राफ मार्केट में पैसा लगाना एक अच्छा टर्नओवर दे सकता है। बशर्ते पैसा लगाने के बाद इंवेस्टर को लाभ पाने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। कुछ महीने पहले भी शेयर मार्केट में उछाल के बाद भी स्क्रैप गोल्ड लोगों ने धड़ल्ले से बेचना शुरू कर दिया था। जिसका नतीजा यह हुआ था कि, कुछ दिनों बाद ही गोल्ड के प्राइज में जबरदस्त उछाल देखने को मिला था।

इस लिए गिर रहा प्राइस

एक्सपर्ट का कहना है कि, गवर्नमेंट द्वारा 80:ख्0 का स्कीम में ढिलायी के बाद सर्राफ मार्केट में गिरावट देखने को मिल रही है। गवर्नमेंट ने पिछले साल जुलाई में चालू खाते के बढ़ते घाटे पर लगाम के लिए सोने के इम्पोर्ट पर कई तरह के अंकुश लगाए थे। केंद्रीय बैंक के पाबंदियों के तहत केवल बैंकों और अधिकृत एजेंटों को गोल्ड इम्पोर्ट की छूट दे रखी थी। और इम्पोर्ट किए गए माल का ख्0 परसेंट हिस्सा एक्सपोर्ट करना अनिवार्य किया गया था। लेकिन वेडनसडे से गवर्नमेंट ने चुनिंदा ट्रेडिंग फर्मो को भी बिना किसी प्रतिबंध के गोल्ड के इम्पोर्ट की अनुमति दे दिया है। यानि अब इम्पोर्ट किए गए माल का ख्0 परसेंट एक्सपोर्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इंवेस्टमेंट है फायदेमंद

भले ही सर्राफा मार्केट में पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। लेकिन सर्राफ मार्केट में लांग टर्म के लिए पैसा लगाना क्भ्-ख्0 परसेंट तक फायदा पहुंचा सकता है। क्योंकि प्राइस गिरने से मैक्सिमम लोग गोल्ड और सिल्वर डिमांड बढ़ने की उम्मीद एक्सपर्ट जता रहे है। इंडिया में गोल्ड खरीदने के बाद लोग किसी खास विकट परिस्थति में ज्वेलरी और स्क्रैप गोल्ड को बेचने का काम करते है अन्यथा ऐसा नहीं करते है। ऐसे में एक तय तय सीमा के बाद गोल्ड और सिल्वर के दाम बढ़ना तय माना जा रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि, सर्राफ मार्केट से लोग तीन तरह से जुड़े हैं। एक इंवेस्टर, दूसरा ट्रेडर और तीसरा फिजिकली तौर पर।

गोल्ड की अपेक्षा सिल्वर

बुलियन (सोने की बिस्किट) की अपेक्षा सिल्वर अधिक बेनीफिट इंवेस्टर को दे सकता है। क्योंकि, गोल्ड और सिल्वर का रेशियों देखा जाए तो, वर्तमान समय को छोड़कर बाकी दिनों में सिल्वर का दाम हमेशा गोल्ड की अपेक्षा जस्ट डबल रहा है। एक्सपर्ट की मानें तो, गोल्ड के प्राइस बढ़ने के बाद सिल्वर की ओर लोगों का झुकाव काफी बढ़ जाता है। ऐसे में सिल्वर में इंवेस्ट करना कारगर साबित हो सकता है। गोल्ड में भ् परसेंट का फायदा होगा तो, सिल्वर उसके मुकाबले जस्ट डबल क्0 परसेंट तक का लाभ इंवेस्टर को पहुंचा सकती है।

हर साल ख्फ् अरब का इंवेस्टमेंट

बरेली की बात करें तो इंवेस्टर की संख्या करीब ख् हजार है। वहीं डीलर्स की संख्या है क्0 है। इनके माध्यम से हर साल गोल्ड में क्8 अरब रूपए इंवेस्ट किया जाता है। जबकि सिल्वर में भ् अरब रूपए इंवेस्ट होते हैं। बरेली में ख्0 केजी गोल्ड हर रोज इम्पोर्ट होता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में इंवेस्टर को पांच तरह का टैक्स देना होता है। ब्रोकर नोट, सर्विस टैक्स, ट्रांजेक्टशन चार्जेज, सर्विस टैक्स ऑन ट्रांजेक्शन और इनकम टैक्स। एक्सपर्ट का कहना है कि, मार्केट से गोल्ड का खरीद फरोख्त करने वाले लोगों को इतने सारे टैक्स नहीं देने पड़ते है।

बॉक्स

मंथ - गोल्ड - सिल्वर

मई - फ्0,फ्000 - ब्ख्,म्00

जून - ख्7,00 - ब्0,फ्00

जुलाई - ख्8,ख्00 - ब्ब्,900

अगस्त - ख्8,फ्7भ् - ब्ब्,ब्00

सितम्बर - ख्7,म्00 - ब्क्,800

अक्टूबर - ख्म्,900 - फ्8,ख्00

नवंबर - ख्म्,फ्00 - फ्भ्,900

दिसम्बर - ख्म्,700 - फ्7,000

नोट - गोल्ड प्रति क्0 ग्राम और सिल्वर प्रति केजी का रेट रूपए में

गोल्ड इंपोर्ट में दी गई छूट की वजह से गोल्ड और सिल्वर के दाम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सर्राफ मार्केट डाउन होने से इंवेस्ट करने से डरने की जरूरत नहीं है। लांग टर्म के लिए इंवेस्ट करना फायदेमंद साबित होगा।

सुरेश चंद्रा, इंवेस्टर

इस समय गोल्ड क्ख्00 डालर प्रति औंस है। प्रति दस ग्राम ख्00 रुपए प्रीमियम कम हुआ है। स्कीम में ढील की वजह रेट में कमी आयी है। लेकिन इंवेस्टमेंट के लिहाज से इस समय एक अच्छा ऑप्शन है। सबसे अधिक सिल्वर बेनीफिट देगा।

अनिल कुमार अग्रवाल, डीलर

शॉट टर्म के लिए मार्केट में इंवेस्ट करना समझदारी नहीं है। लांग टर्म के लिए इंवेस्टमेंट करना क्भ् परसेंट से अधिक का फायदा इंवेस्टर को पहुंच सकता है।

संजीव अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, बरेली महानगर सर्राफ एसोसिएशन