भाजपा से निकाले गये आईपी सिंह

- पीएम समेत वरिष्ठ नेताओं को लेकर बयानबाजी पड़ी महंगी

- छह साल के लिए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने किया निष्कासित

- विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार मुखर रहे आईपी सिंह

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LUCKNOW :

अपने पार्टी विरोधी बयानों को लेकर सुर्खियां बटोरने वाले भाजपा नेता आईपी सिंह को आखिरकार पार्टी से बाहर कर दिया गया. पिछले कई दिनों से आईपी सिंह लगातार प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तारीफ करने के साथ उनको आजमगढ़ के अपने घर में चुनाव कार्यालय बनाने का न्योता भी दे चुके थे. सोमवार को आईपी सिंह ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लेकर भी विवादित ट्वीट किए जिसके बाद पार्टी ने उनको निष्कासित करने का फैसला ले लिया. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने आईपी सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है.

खुद को लिखा उसूलदार

हाल ही में आईपी सिंह ने एक ट्वीट किया था जिसमें वह लोकभवन में सीएम योगी के पैर छू रहे थे. साथ ही एक और फोटो भी पोस्ट की थी जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनसे गर्मजोशी के साथ मिल रहे थे. इसके बाद आईपी सिंह ने अखिलेश को आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की बधाई दी. साथ ही अपने घर में चुनाव कार्यालय खोलने का आमंत्रण भी दे डाला. इतना ही नहीं, उन्होंने बाकी भाजपा नेताओं की जगह ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार लिखने के बजाय उसूलदार लिखकर पार्टी को खुली चुनौती भी दे डाली. वहीं सोमवार को उन्होंने पीएम मोदी और राजनाथ सिंह की कार्यशैली पर आरोप लगाते हुए कई ट्वीट किये जो वरिष्ठ नेताओं को खासा नागवार गुजरा और उनको पार्टी से बाहर कर दिया गया. उल्लेखनीय है कि आईपी सिंह विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार विवादित बयान देते रहे हैं और कई बार पार्टी लाइन की परवाह किए बिना केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों पर हमलावर होते रहे. पार्टी नेताओं की मानें तो कोई अहम पद न मिलने की वजह से आईपी सिंह ने बगावत का रुख अपना रखा था.

रविवार को किए ट्वीट

रविवार को आईपी सिंह ने ट्वीट किया कि 'हमने प्रधानमंत्री चुना है या प्रचारमंत्री? अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से देश का पीएम क्या टी-शर्ट और चाय का कप बेचते हुए अच्छा लगता है? भाजपा वो पार्टी रही है जिसने अपने विचारों से लोगों के दिलों में जगह बनाई है. मिस कॉल देकर और टी-शर्ट पहनकर कार्यकर्ताओं की खेती असंभव है.' वहीं निष्कासन के बाद उन्होंने ट्वीट किया कि 'माफ कीजिएगा नरेंद्र मोदी जी, अपनी आंख पर पट्टी बांधकर आपके लिए चौकीदारी नहीं कर सकता.' साथ ही उन्होंने फिर से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मैनेजर अािद की उपाधि दे डाली.