-आईपीडीएस वर्क में जमकर हुई लापरवाही, सबकुछ जानकर भी मौन है अधिकारी

कई क्षेत्रों में जमीन के कुछ इंच नीचे ही बिछा दिए गए हैं तार

पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट आईपीडीएस वर्क के तहत पुरानी काशी क्षेत्र में आसमान में दौड़ते बिजली के तारों को भूमिगत करने का काम पूरा कर लिया गया है। लेकिन अब इस मामले में हुई लापरवाही का मामला उजागर होने लगा है। लक्सा क्षेत्र में जंक्शन बॉक्स से घरों के मीटर की ओर जाने वाले अंडरग्राउंड केबल को महज कुछ इंच के गड्ढे में ही बिछा दिया गया है, जो तय मानक से कोसों दूर है। बिजली के इन तारों से स्थानीय लोगों में भय है कि अगर यह तार कट गया तो बड़ा हादसा हो सकता है। हैरानी की बात है कि इस लापरवाही को लेकर कोई भी अधिकारी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।

खोदाई से खुली पोल

यह मामला तब उजागर हुआ जब पीडब्ल्यूडी की ओर से इंटर लॉकिंग के सड़क की खोदाई शुरु हुई। 10 दिन पहले पीडब्ल्यूडी के जेई देर रात जब जेसीबी लेकर खोदाई शुरु कराई तो पता चला कि बिजली का वहां आईपीडीएस का तार बिछा है। लिहाजा जेसीबी से खोदाई नहीं हो सकती। दूसरे दिन जब लेबरों ने खोदाई शुरू की तो कही 3 तो कही 5 इंच के गड्ढे में बिजली के वायर दिखने लगे।

पहला नहीं है मामला

ऐसा नहंी है कि आईपीडीएस के तहत हुई अंडरग्राउंड केबलिंग का यह कोई पहला मामला उजागर हुआ है। इससे पहले सोनारपुरा के बागहाड़ा मोहल्ले में एक गली में पानी की पाइप ठीक करने के लिए गली खुदी तो पाइप के पहले भूमिगत तार निकल आया। यह तार भी एक फुट से भी कम गहराई पर बिछाया गया था। इसके अलावा पक्का महाल समेत शहर के अन्य मोहल्लों में भी कम गहराई पर बिजली केबल बिछाने की शिकायतें आ चुकी हैं। इसको लेकर जब आईपीडीएस के कुछ अधिकारियों ने आवाज उठाई तो उनका तबादला कर दिया गया।

ताक पर रखा मानक

आईपीडीएस के मानकों के अनुसार बिजली के केबल एक मीटर की गहराई पर बिछने चाहिए। एक मीटर की गहराई पर केबल को नाली बना कर डालने का प्रावधान है। साथ ही केबल के ऊपर बालू भी डालना अनिवार्य है। लक्सा समेत आसपास के मोहल्लों में किसी मानक का पालन नहीं किया गया है। यही नहीं शहर की कई एरिया की अधिकतर गलियों में घर-घर कनेक्शन देने के लिए सर्विस बॉक्स भी मनमाने तरीके से लगाए गए हैं।

जांच आदेश की लीपातोती

आईपीडीएस वर्क में हुए लापरवाही की दर्जनों शिकायतें डीएम, कमिश्नर से लेकर नगर निगम व पीवीवीएनएल तक में की गईं। यूपीपीसीएल ने इस शिकायतों को आधार बना कर जांच के आदेश भी दिए। लेकिन इन सब शिकायतों पर कितनी कार्रवाई हुई इसका खुलासा यूपीपीसीएल ने अब तक नहीं किया है।

आईपीडीएस के तहत जहां-जहां भी अंडरग्राउंड केबलिंग की गई है, उसमें मानक का पूरा ध्यान रखा गया है।

अतुल निगम, एमडी, पीवीवीएनएल

इसकी जानकारी नहीं है कि बिजली के तारों के कितनी गहराई में डाला गया है। इस पर ज्यादा कुछ नहंी बता सकते। बनारस के नोडल अफसर ही बताएंगे।

एके वर्मा, पूर्वाचल के नोडल ऑफिसर, आईपीडीएस

शिकायतों की जांच के बाद आईपीडीएस वर्क के गुणवत्ता को लेकर कई बार सवाल उठाए गए। लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। कुछ दिन बाद उनका ट्रांसफर हो गया।

एससी भारती, तत्कालिन डायरेक्टर (टेक्निकल)