खिलाडिय़ों के सेलेक्शन से लेकर मैच के रिजल्ट्स तक के लिए अंडर द टेबल पैसे दिए जाते हैं. वहीं बीसीसीआई के प्रेसीडेंट श्रीनिवासन ने कहा है कि हम इस पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे.

स्टिंग में शामिल खिलाडिय़ों के मुताबिक जिस समय ऑक्शन होता है उस समय तो किक्रेटर्स को उनके बेस प्राइज पर खरीदा ही जाता है  टीम ओनर्स की तरफ से उन्हें कहीं    ज्यादा रकम ऑक्शन के बाद अलग दी जाती है. इसके लेन देन के बारे में किसी को भी पता नहीं चल पाता है.

स्टिंग में क्रिकेटर्स दावा कर रहे हैं कि कई खिलाडिय़ों को तो ऑक्शन में जितनी कीमत पर खरीदा जाता है उससे कहीं ज्यादा पैसा उन्हें चुपचाप दिया जाता है और उन्हें कई दफा कीमती तोहफे भी दिए जाते हैं. आईपीएल की एक टीम का हिस्सा क्रिकेटर मोहनीश मिश्रा ने इस बात को कंफेस किया कि उन्हें उनकी फ्रैंचाइजी की ओर से 1.45 करोड़ रुपए मिल रहे थे, जबकि वो 30 लाख स्लैब में थे.

कैसे मिलती है रकम

कुछ क्रिकेटर्स ने इस बात का भी खुलासा किया कि आईपीएल की कुछ फ्रैंचाइजीज ने एक बड़े फाइनेंशियल कांटे्रक्ट के लिए उनके साथ नेगोसिएशन करने की भी कोशिश की. बीसीसीआई के नियम के मुताबिक आईपीएल की गाइडलाइंस के तहत यह एक सीरियस क्राइम है.

लेकिन जब डील फाइनलाइज हो जाती है तो क्रिकेटर्स को पैसा अंडर द टेबल दिया जाता है. आईपीएल की गर्वनिंग काउंसिल की ओर से रविंद्र जडेजा पर एक मैच और मनीष पांडे पर चार मैचों का बैन लगाया जा चुका है. इन पर यह बैन दूसरी टीम के ओनर्स की ओर से उनके साथ होने वाले नेगोसिएशन की वजह से लगाया गया है.

गेंद दर गेंद फिक्स होते मैच!

स्टिंग में क्रिकेटर्स की ओर से यह दावा भी किया गया है कि आईपीएल में खेले जाने वाले मैच भी काफी हद तक फिक्स होते हैं. एक और टीम के क्रिकेटर शलभ श्रीवास्तव ने स्टिंग में खुलासा किया है कि आईपीएल के मैचों में क्रिकेटर्स को हर बॉल, हर रन और हर विकेट के लिए रकम दी जाती है. शलभ का दावा है कि एक आईपीएल मैच के दौरान जब उनसे नो बॉल करने के लिए कहा गया तो उन्होंने इसके लिए 10 लाख रुपए की मांग की और उन्हें यह रकम दी   भी गई.

फर्स्ट क्लास मैचों में भी

आईपीएल का हिस्सा एक और क्रिकेटर टी सुधींद्र के हवाले से इस स्टिंग में बताया गया है कि न केवल आईपीएल मैच बल्कि फर्स्ट क्लास मैच भी फिक्स किए जाते हैं. टी सुधींद्र ने बताया कि 2011 में उन्हें एक फर्स्ट क्लास मैचे के दौरान नो बॉल करने के लिए कहा गया था. सिर्फ सुधींद्र को उस समय इस बात का भरोसा दिलाया गया कि अगर वो ऐसा करते हैं तो आईपीएल के अगले सीजन में उन्हें एक नई टीम का हिस्सा बना दिया जाएगा. इसके लिए उन्हें 60 लाख रुपए का वादा भी किया गया.

स्टिंग में शामिल क्रिकेटर्स की मानें तो स्पॉट फिक्सिंग आईपीएल  के साथ ही फस्र्ट क्लास मैचों का अहम हिस्सा है. स्पॉट फिक्सिंग में तय होने वाली रकम और इसके एक्सचेंज में लड़कियों की मदद ली जाती है. उनकी मदद से क्रिकेटर्स तक पैसा पहुंचाया जाता है.

बीसीसीआई को सब है पता!

स्टिंग में क्रिकेटर्स ने दावा किया है कि आईपीएल में चल रहे करप्शन के इस खेल के बारे में बीसीसीआई को भी काफी बेहतरी से मालूम है.

किसने क्या कहा

अमित यादव ने स्टिंग में कैमरे के सामने कहा कि आईपीएल के मैचों में स्पॉट फिक्सिंग भी हो रही है. आखिरी ओवर में जीत के लिए जरूरी रनों पर भी सट्टेबाजों के हिसाब से फिक्सिंग की जा रही है.

मोहनीश मिश्रा ने हिडेन कैमरे के सामने स्वीकार किया कि उनका स्लैब सिर्फ तीस लाख रुपए का है, लेकिन उन्हें कुल एक करोड़ 45 लाख रुपए दिए गए. तीस लाख के अलावा की रकम उन्हें ब्लैक मनी के रूप में दी गई.

स्टिंग में दावा किया गया है कि रिपोर्टर के इंसिस्ट करने पर लास्ट इयर फस्र्ट क्लास मैच में टी सुधींद्र ने एक नो बॉल डाली थी. उसने यह भी स्वीकार किया अगर उसे साठ लाख रुपए दिए जाएं तो फ्यूचर में वह अपनी टीम भी चेंज कर सकता है.

शलभ श्रीवास्तव भी इस स्टिंग में फंसते नजर आए. इस स्टिंग के अनुसार शलभ ने आईपीएल मैच में एक नो बॉल फेंकने के लिए दस लाख रुपए की डिमांड की थी.

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