इस सीजन की नीलामी में सबसे ख़ास पहलू होगा मैचिंग कार्ड. इस कार्ड के जरिए आईपीएल की फ्रेंचाइज़ी अपने छह खिलाड़ियों को वापस अपनी ही टीम में रोक पाएँगे.

दरअसल प्रत्येक फ्रेंचाइजी टीम को अपने पांच-पांच खिलाड़ियों को रिटेन करने की इजाज़त थी लेकिन इस कार्ड के ज़रिए टीम एक अतिरिक्त खिलाड़ी को भी रिटेन कर पाएगी. यह अतिरिक्त खिलाड़ी भारत का हो सकता है या फिर कोई भी विदेशी खिलाड़ी.

इस व्यवस्था के मुताबिक अगर कोई टीम अपने खिलाड़ी को नहीं रोकने का फ़ैसला लेती है और खिलाड़ी की नीलामी होती है तो उसमें खिलाड़ी की जो भी बोली लगेगी, उसी रकम में उसे खरीदने का पहला अधिकार उनकी पहली टीम को होगा.

मैचिंग कार्ड का कमाल

हालांकि इस दौरान इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि कोई भी फ्रेंचाइज़ी चार से ज़्यादा भारतीय टीम में खेल चुके खिलाड़ियों को शामिल नहीं कर पाए.

तीन से पांच खिलाड़ियों को अपनी टीम में रोकने वाली टीम को ऐसा एक कार्ड मिलेगा. जबकि एक या दो खिलाड़ियों को रोकने की सूरत में टीम को दो ऐसे कार्ड दिए जाएंगे.

जो टीम एक भी खिलाड़ी को अपने पास वापस नहीं रखेगी, उसे तीन कार्ड दिए जाएंगे.

अगर कोई टीम पांच खिलाड़ियों को वापस अपने पास रखती है तो उसके पर्स से 39 करोड़ रुपये खर्च माने जाएंगे और बाकी खिलाड़ियों की खरीदारी उन्हें अपने बाकी बचे 21 करोड़ रुपयों में करनी होगी.

किसी भी टीम को कम से कम खिलाड़ियों की खरीदारी में 36 करोड़ रुपये खर्च करने ही होंगे. फ्रेंचाइजी अपनी टीम में कम से कम 16 और ज़्यादा से ज्यादा 27 खिलाड़ियों को शामिल कर सकते हैं.

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