Lucknow: आईपीएल-5 (इंडियन प्रीमियर लीग) ने शीशमहल की चमक छीन ली है। नवाबों की नगरी लखनऊ में होने वाले शीशमहल ट्रॉफी के लिए खिलाडिय़ों का टोटा पड़ गया है। तमाम खिलाड़ी आईपीएल में व्यस्त हैं। इस कारण इस साल यह प्रतियोगिता खटाई में पड़ गई है। इस प्रतियोगिता के ना होने से स्थानीय मैदानों पर प्रैक्टिस करने वाले तमाम यंग क्रिकेटर्स और अकादमियां चलाने वाले मायूस हैं। इस प्रतियोगिता के माध्यम से लोगों एक्सपोजर का मौका मिलता था।

बड़े खिलाड़ी आते थे खेलने

मई में होने वाले शीशमहल ट्रॉफी के आयोजन का इंतजार यहां के क्रिकेटर्स बेसब्री से कर रहे हैं। इस टूर्नामेंट के दौरान टीम इंडिया के कई पूर्व खिलाड़ी यहां खेलते देखे जा सकते थे। कई इंटरनेशनल प्लेयर्स इस टूर्नामेंट में खेल भी चुके हैं। लेकिन इस साल आईपीएल के चलते इस टूर्नामेंट का आयोजन फंस गया है।

समीर आब्दी ने बताया कि मेरे पिता स्व। अस्करी हसन ने इस टूर्नामेंट को 1951 से 2002 तक लगातार करवाया। उसके बाद कभी यह होता है और कभी नहीं। पिछले साल भी इसका आयोजन नहीं किया गया। मेरी अपील है कि इस टूर्नामेंट को जरूर करवाए, भले उसका फारमेट छोटा कर दें।

सबको रहता है इंतजार

केडी सिंह बाबू स्टेडियम पर ट्रेनिंग देने वाले कोच शहनवाज ने बताया कि इस टूर्नामेंट से पता चलता था कि खिलाडिय़ों में कितना दम है। जब तक खेलने का मौका नहीं मिलेगा भला खिलाड़ी कहां से निकलेंगे। यह टूर्नामेंट यहां के लोगों की शान रहा है। पूर्व क्रिकेट हैदर रजा बताते हैं कि शीशमहल के आयोजन का हर अकादमी को इंतजार रहता है। इससे उनके यहां खेलने वाले प्लेयर्स को चांस मिलता है। ऐसे में यहां के लोगों के लिए यह एक एग्जाम होता है। ऐसे में इस टूर्नामेंट का आयोजन जरूरी है।

शीश महल खेले हुए दिग्गज

मंसूर अली खां पटौदी, मनोज प्रभाकर, नवजोत सिंह सिद्धू, अजय शर्मा,कीर्ति आजाद, कपिल देव, चेतन चौहान, बिशन सिंह बेदी, मो। कैफ, आरपी सिंह, युवराज सिंह, सुरेश रैना, प्रवीण कुमार ।

ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार शीश महल क्रिकेट में बल्लेबाजी कर चुके हैं। वह 1970 में बाबू स्टेडियम में आयोजित इस ट्राफी का शुभारम्भ करने आए थे। उस समय यहां पर टीम का मैच देखने के लिए टिकट के दाम पच्चीस पैसे से एक रुपए तक रखा गया था।

हरभजन ने किया था श्रीसंत को सम्मानित

2010 में टीम इंडिया के गेंदबाज एस श्रीसंत ने शीश महल क्रिकेट टूर्नामेंट में शिरकत की थी। वह यहां पर उपजेता रही टीम के मेम्बर थे। फाइनल मैच के बाद उन्हें टीम इंडिया के टर्बनेटर हरभजन सिंह ने सम्मानित किया। इस दौरान दोनों खिलाडिय़ों ने एक-दूसरे को गले लगा लिया. 

इस टूर्नामेंट में नई टीमों को एंट्री दी जानी चाहिए। लखनऊ की एक या दो टीमों को जरूर चांस मिलना चाहिए। जिससे यहां के ब्वायज को एक्सोपजर मिल सके। अब तक सिर्फ एक बार ही सीएएल की टीम को खेलने का चांस मिला है।

खलीक अहमद, सचिव, सीएएल