कुछ हद तक मिलेगी राहत
बुधवार को इस मुद्दे पर हुई सुनवाई के दौरान बीसीसीआई और पुणे फ्रैंचाइजी के पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामे में कहा है कि अगर मैच किसी और जगह शिफ्ट हो जाते हैं तो उसे इस बात से कोई एतराज नहीं है लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि मैचों को शिफ्ट करने से समस्या का समाधान नहीं होगा लेकिन कोर्ट लाखों लोगों की दुर्दशा से आंखें नहीं फेर सकती। अदालत ने आगे कहा कि मैच शिफ्ट करने से सूखे की समस्या का समाधान नहीं होगा लेकिन मैचों में उपयोग होने वाले पानी को सूखा प्रभावित इलाकों को दिया जाए तो कुछ हद तक राहत तो मिल ही जाएगी।

पानी सप्लॉय करने को राजी था बीसीसीआई

इससे पहले सुनवाई के दौरान बीसीसीआई ने हाईकोर्ट से कहा कि आईपीएल के मैच बाहर शिफ्ट करना मुश्किल है। सुनवाई के दौरान बीसीसीआई और पुणे टीम के वकील कोर्ट में मौजूद थे।इस दौरान बीसीसीआई ने कहा कि वो सूखा प्रभावित इलाकों को 40 लाख लीटर पानी सप्लाय करने के लिए तैयार हैं चाहे फिर वो लातूर हो या कोई और जगह। बीसीसीआई ने कहा हम सूखा राहत के लिए 5-5 करोड़ रुपए देने को भी तैयार हैं। बोर्ड ने कहा कि मैचों के टिकट बिक चुके हैं और इस आईपीएल से कई और लोग भी जुड़े हैं जिन्हें इससे फायदा होगा तो इसलिए आईपीएल को अनुमति दी जाए। पानी की कमी से निपटने के लिए कई लंबी अवधि के समाधान हैं।

फैसले से हुई खुशी
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद इस मुद्दे पर याचिका लागाने वाले मुख्य याचिकाकर्ता एचएम दसर्दा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अगर कोई सभी मैच शिफ्ट करने का फैसला सुनाती तो बेहतर होता लेकिन हम इस फैसले से खुश हैं। इसके माध्यम से सभी को पानी के महत्व के साथ उसके बचाव की नसीहत मिलेगी। हालांकि, हमने याचिका लगाने में देर की लेकिन फिर भी देर आए दुरुस्त आए।वहीं एक अन्य याचिकाकर्ता एनजीओ लोकसत्ता के सुरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है, हमारे लिए यह और खुशी की बात होती अगर यह कदम सरकार उठाती साथ ही आईपीएल और बीसीसीआई इसमें सहयोग करती। जहां तक सुप्रीम कोर्ट में जाने का सवाल है तो हम हर जगह जाएंगे जहां से हमें पानी मिल सकता है।

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