-एसटीएफ ने सट्टेबाज गैंग के तीन सदस्यों को किया गिरफ्तार

-27 लाख 75 हजार कैश और आधा दर्जन मोबाइल, कार बरामद

-दुबई, मुंबई से चल रहा था धंधा

आईपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट में सट्टा के जरिए करोड़ों का वारा-न्यार करने वाले अंतरराष्ट्रीय सट्टेबाज गिरोह का भंड़ाफोड़ बुधवार को स्पेशल टास्क फोर्स ने किया. गिरोह के तीन सदस्यों को 27 लाख 75 हजार रुपये कैश, आधा दर्जन मोबाइल, लग्जरी कार के साथ अरेस्ट किया है. कानपुर में बुकी जितेंद्र जित्तू के पकड़े जाने के बाद एक्टिव हुई एसटीएफ ने मंगलवार की रात बनारस के सुंदरपुर एरिया के गणेशधाम कालोनी स्थित अजय सिंह के मकान में छापेमारी करते हुए साकेतनगर निवासी विक्की खान और बड़ागांव निवासी सुनील पाल को गिरफ्तार किया.

दुबई तक बनाया कनेक्शन

गिरफ्तार सटोरियों का कानपुर, बनारस से लेकर मुंबई, बंगलुरु के अलावा दुबई तक नेटवर्क स्थापित था. यूपी में बड़े पैमाने पर हो रहे आईपीएल सट्टेबाजी की भनक मिलने के बाद से लगातार एसटीएफ टीम एक्टिव थी. कानपुर में मेन बुकी जितेंद्र उर्फ जीतू सहित पांच व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बनारस का नाम सामने आया. एसटीएफ एसपी अभिषेक सिंह के नेतृत्व में गठित टीम में बनारस की कमान एसटीएफ इंस्पेक्टर विपिन राय को सौंपी गई थी.

लंदन की कंपनी ने बनाया आरेंज लाइव एप्प

एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि मुंबई के बड़े बुकी अमन ने ऑरेंज नाम का लाइव ऐप अपने लैपटॉप पर डाउनलोड कर रखा है. यह ऐप लंदन की एक कंपनी ने तैयार किया है. इसमें बेट, आईडी, बुकी-पंटर का डिटेल, रनर टीम का नाम, बेटिंग रेट, बेट प्राइज, डेट व आईपी एड्रेस लाईव दिखाता है. लैपटॉप में निरंतर इसका लाग भी मेंटेन होता रहता है. इस ऐप में जो बेटिंग रेट दिखता है उसे बुकी कनर्वसेशन बेटिंग बाक्स में लगे माइक से एनाउंस करता है. इस बॉक्स में कई बुकीज के मोबाइल ऑनलाइन होते हैं जो भाव सुनकर अपना रुपया लगाते है. बॉक्स में लगे स्पीकर की मदद से मुख्य बुकी अन्य बुकी की आवाज को सुनता है और कनवर्सेशन अपने आप रिकॉर्ड भी होता है. मुख्य बुकी व उससे जुड़े हुए अन्य बुकी के बीच पैसे के लेन-देन को लेकर उत्पन्न हुई विवाद की स्थिति में कन्वर्सेशन बॉक्स में रिकार्ड वायस को सुनाकर विवाद का समाधान किया जाता है.

हवाला से लेन-देन

-किसी भी डिस्ट्रिक्ट में बुकी, पंटर से पैसे का लेन-देन उसी डिस्ट्रिक्ट में मुख्य बुकी अपने खास व्यक्तियों के माध्यम से कराता है.

-पैसे का लेन-देन हवाला से किया जाता है. बुकी कमीशन व कटिंग के माध्यम से इस कारोबार में धन कमाता है.

-यदि बुकी एक परसेंट कमीशन पर कार्य कर रहा है तो 100 रुपये हारने पर मेन बुकी को एक रुपया कमीशन मिलता है. जीतने पर कुछ भी नहीं मिलता है.

-मुख्य बुकी के उदाहरण के तौर देखा जाए तो 42 और 44 का भाव एनाउंस किया गया तो इसका मतलब कि फेवरेट जिताऊ टीम को 42 व उसकी अपोजिट टीम को 44 का रेट दिया गया है.

-किसी ने फेवरेट टीम पर एक लाख लगाया तो जितने पर उसे 42 हजार मिलेंगे और हारने पर एक लाख अदा करना होगा.

-अपोजिट टीम पर एक लाख बेट लगाए जाने पर यदि कोई हारता है तो उसे 44 हजार रुपये देने पडेंगे. जीतता है तो एक लाख रुपये प्राप्त होगा.

ऐसी होती है कटिंग

छोटे बुकी द्वारा 42, 44 रेट पर लगाई गई बेट के पैसे से ही उसके ऊपर वाला बुकी यदि 43 व 45 की बेट लगाता है तो जीतने की दशा में उसे अपने नीचे वाले व्यक्ति को 42 हजार देने पड़ेंगे और उसे 43 हजार रुपये प्राप्त होंगे. इसे ही कटिंग कहा गया है.