आस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के लचर प्रदर्शन के लिए इंडियन प्रीमियर लीग पर दोष मढऩे से इन्कार करते हुए पूर्व टेस्ट कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने आज कहा कि इस बुरी हार का कारण बीसीसीआई में उचित योजनाओं का अभाव है।

दो अन्य पूर्व क्रिकेटरों चंदू बोर्डे और बापू नाडकर्णी ने भी भारत के खराब प्रदर्शन के कारण आईपीएल को दोषी नहीं ठहराया। भारत चार मैच की श्रृंखला में तीन मैच गंवा चुका है। इनमें से दो मैच उसने पारी के अंतर से गंवाए।

राष्ट्रीय चयनसमिति के पूर्व अध्यक्ष वेंगसरकर ने पीटीआई से कहा, ‘‘ केवल आईपीएल के कारण ही प्रदर्शन पर असर नहीं पड़ रहा है। इस दौरे का कार्यक्रम ही गलत है। श्रृंखला से पहले और टेस्ट मैचों के बीच पर्याप्त अभ्यास मैच नहीं रखे गए हैं। टीम के रिजर्व खिलाड़ी रोहित शर्मा और विकेटकीपर रिद्धिमान साहा पिछले महीने से नहीं खेल पाए हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘लगातार चार टेस्ट मैच खेलने का कोई तुक नहीं है। खिलाड़ी पर्याप्त अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। टीम में शामिल हरएक खिलाड़ी को खेलने का मौका मिलना चाहिए। उन लोगों को व्यवस्था में शामिल करना जरूरी है जो खेल को जानते हैं और उच्चस्तर पर खेल चुके हैं। उन लोगों को इसमें नहीं रखा जाना चाहिए जिन्होंने अपनी जिंदगी में कभी बल्ला तक नहीं पकड़ा। ’’

भारत की तरफ से 116 टेस्ट और 129 वनडे खेलने वाले वेंगसरकर ने कहा, ‘‘जूनियर क्रिकेट, घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट और ‘ए‘ टीमों के दौरों का कार्यक्रम भी सही तरह से तैयार किया जाना चाहिए। ’’

बोर्ड ने कहा कि भारतीय खिलाड़ी इंग्लैंड दौरे के दौरान की गई गलतियों से सबक लेने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा,‘‘आईपीएल पर दोष नहीं मढा जा सकता। खिलाडिय़ों ने इंग्लैंड की गलतियों से सबक नहीं लिया। वे उसी तरह से आउट हो रहे हैं केवल सचिन तेंदुलकर ने उस तरह की गलती नहीं दोहराई.’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे महान खिलाड़ी है जो वर्षों से खेल रहे हैं। वे उसी तरह की गलतियां कैसे कर रहे हैं इससे मैं हैरान हूं। उदाहरण के लिए विजय हजारे हमेशा कोशिश करते थे कि वह कोई गलती नहीं दोहराएं.’’ बोर्डे से जब पूछा गया कि क्या राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण को अब संन्यास ले लेना चाहिए, उन्होंने कहा कि वे अब भी बल्लेबाजी में योगदान दे रहे हैं लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि क्या वे क्षेत्ररक्षण में भी सही हैं।

बोर्डे ने कहा, ‘‘जब आपकी उम्र बढ़ती है तो आपके रिफलेक्शन कमजोर पड़ जाते हैं। इंग्लैंड में मूवमेंट था लेकिन आस्ट्रेलिया में उछाल भी है। बल्लेबाजी में उनके रिफलेक्शन थोड़ा कमजोर हैं लेकिन बहुत धीमे नहीं है लेकिन क्षेत्ररक्षण का क्या होगा। यदि वे 50 रन बनाते हैं लेकिन क्षेत्ररक्षण में दस या 20 रन दे देते हैं तो फिर उनका कुल योगदान कम हो जाएगा.’’

भारत की तरफ से 41 टेस्ट मैच खेलने वाले नाडकर्णी ने भिन्न परिस्थितियों को अपनाने में खिलाडिय़ों की अक्षमता पर हैरानी जताई।

उन्होंने कहा,‘‘यदि आईपीएल ही इसके लिए जिम्मेदार होता तो इसका अन्य खिलाडिय़ों पर भी प्रभाव पडऩा चाहिए था। असली कारण परिस्थितियों से सामंजस्य नहीं बिठा पाना है। वे टेस्ट क्रिकेटर हैं। उन्हें तालमेल बिठाने में माहिर होना चाहिए। यदि उन्हें लगता है कि आईपीएल उनका खेल प्रभावित कर रहा है तो उन्हें इसमें नहीं खेलना चाहिए.’’

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