- बुधवार को आईपीएस एसोसिएशन की होनी थी बैठक, जल्द तय होगी अगली डेट

-चार जिलों के दंगे का ठिकरा एक आईपीएस पर फोड़ने से नाराज हैं अधिकारी

LUCKNOW: मुजफ्फरनगर दंगे की रिपोर्ट में आईपीएस सुभाष दूबे को दोषी बनाने के फैसले से नाराज आईपीएस एसोसिएशन की बैठक बुधवार को स्थगित हो गयी। बताया जा रहा है कि सहाय रिपोर्ट पर मंथन के लिए बनायी गयी तीन सदस्यीय कमेटी के दो मेंबर राजधानी से बाहर थे। आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजन द्विवेदी भी सिटी में नहीं थे। इस वजह से एसोसिएशन की मीटिंग नहीं हो सकी।

विरोध का बढ़ रहा शोर

अधिकतर आईपीएस अधिकारी रिटायर्ड जस्टिस विष्णु सहाय की रिपोर्ट का विरोध दूसरे प्लेटफार्म पर भी करने लगे हैं। डीजी ऑफिस से लेकर इलाहाबाद पुलिस हेड क्वार्टर तक सुभाष दूबे को दोषी सिद्ध किये जाने को लेकर मुद्दा गरम है। पुलिस विभाग के विभिन्न व्हाट्सएप्प ग्रुप पर अधिकारी सुभाष दूबे को दोषी ठहराये जाने के विरोध में बात कर रहे हैं।

जांच रिपोर्ट पर उठा रहे सवाल

आईपीएस लॉबी विष्णु सहाय की रिपोर्ट को मानने को तैयार नहीं है। एक आईपीएस अफसर का कहना है कि एक अफसर जिसको माहौल खराब होने के बाद मुजफ्फरनगर भेजा गया, उसके बाद तीन और शहरों में दंगा हुआ। ऐसे में सिर्फ एक आईपीएस अधिकारी ही दोषी कैसे हो सकता है? आखिर शामली, सहारनपुर और मेरठ में हुए दंगे का दोषी कौन है? रिपोर्ट में इन जिलों के दंगों के बारे में किसी की जिम्मेदारी फिक्स क्यों नहीं की गयी? एक बड़े जिले में एसएसपी के पद पर तैनात एक आईपीएस अफसर का कहना है कि एलआईयू इंस्पेक्टर प्रबल प्रताप पर भी गलत कार्रवाई की गयी है। क्योंकि रिपोर्ट में ही बताया गया है कि लोकल इंटेलीजेंस ने 20 से 25 हजार की भीड़ जुटने की संभावना बतायी थी। इसकी इंफार्मेशन जिला अधिकारी को भी दी गयी थी। एलआईयू इंस्पेक्टर का अनुमान गलत नहीं था। जबकि डीएम की ओर से धारा 144 लागू होने के बाद भी दंगाइयों को रोकने के लिए डीएम को कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन रिपोर्ट में डीएम को क्लीन चिट दे दी गयी।

जल्द ही बुलायी जाएगी बैठक

आईपीएस एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष प्रकाश डी का कहना है कि बुधवार को कोई मीटिंग आईपीएस एसोसिएशन की नहीं हुई। उनका कहना है कि इस मुद्दे पर जल्द ही मीटिंग कर सहाय आयोग की रिपोर्ट पर मंथन किया जाएगा। उनका भी कहना है कि चार जिलों में फैले दंगे के लिए सिर्फ एक अफसर दोषी नहीं हो सकता। दंगे के पीछे के बाकी के चेहरों को भी बेनकाब करना चाहिए।