लोगों ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा है कि वे लंदन2012 डॉट कॉम की वेबसाइट नहीं देख पा रहे हैं और उसकी बजाए उन्हें पेवान्धा डॉट आईआर वेबसाइट दिख रही है। ये वेबसाइट ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी की ख़बरें दिखा रही है।

द ब्लॉक्डईरान डॉट कॉम वेबसाइट ने भी इस बात की पुष्टि की है कि ईरान में अधिकतर लोग लंदन ओलंपिक की वेबसाइट नहीं देख पा रहे हैं। ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में प्रतिक्रिया के अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया है।

ईरान ने पहले इस बात का संकेत दिया था कि वे ओलंपिक का बहिष्कार कर सकते हैं क्योंकि उनके हिसाब से लंदन ओलंपिक का आधिकारिक चिह्न 'ज़ायन' शब्द की तरह लगता है।

'साफ़-सुथरा वेब'

ये हिब्रू भाषा का शब्द है जो इसराइल या यरूशलम के संदर्भ में इस्तेमाल होता है। फ़रवरी 2011 में ईरानी अधिकारियों ने इस आधिकारिक चिह्न को हटाए जाने की माँग की थी। वैसे बाद में एक पत्र में कहा गया था कि एथलीट फिर भी 'हिस्सा लेंगे और बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे.'

बीबीसी के फ़ारसी भाषा में प्रसारित होने वाले क्लिक कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता नीमा अकबरपोर ने कहा है कि वेबसाइटों पर इस तरह का प्रतिबंध कोई असामान्य बात नहीं है मगर फ़िलहाल ये कहना मुश्किल है कि इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है।

ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली ख़मेनेई ने हाल ही में अधिकारियों को आदेश दिया था कि वे इंटरनेट से जुड़े फ़ैसलों में समन्वय के लिए एक नई संस्था बनाएँ। नागरिकों से भी कहा गया है कि उन्हें इंटरनेट कैफ़े में जाने पर अपना पहचान पत्र दिखाना होगा।

ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनिजाद ने भी एक 'साफ़-सुथरे वेब' की योजना पर चर्चा की है जहाँ उसका अपना सर्च इंजन होगा और मैसेजिंग सर्विस भी होगी।