तेहरान (एएफपी)। अमेरिका ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को 'विदेशी आतंकवादी संगठन' करार देते हुए उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इस फैसले के बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने गुरुवार को कहा कि असल में अमेरिका ही 'विश्व आतंकवाद का लीडर' है। रूहानी ने अपने भाषण में अमेरिका से पूछा, 'रिवोल्यूशनरी संस्थानों को आतंकवादी का लेबल देने वाले आप कौन होते हैं? आप आतंकवादी समूहों को राष्ट्रों के खिलाफ उपकरण के रूप में उपयोग करना चाहते हैं। आप विश्व आतंकवाद के नेता हैं।' उन्होंने कहा कि गार्ड ने 1979 इस्लामिक क्रांति के दौरान लोगों की रक्षा करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है, आज अमेरिका उनसे घृणा कर रहा है, यहां तक उन्हें ब्लैकलिस्ट भी कर दिया है।

फैसला मिडिल ईस्ट में बढ़ाएगा तनाव

बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ईरान के गार्ड्स को एक विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया। यह एक ऐसा कदम है, जो मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ाएगा। रूहानी ने अमेरिकी फैसले को एक गलती बताया है और अन्य ईरानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह उस क्षेत्र में अमेरिकी हितों को खतरे में डालेगा, जहां ईरान सीरिया से लेबनान के छद्म युद्धों में शामिल है। रूहानी ने कहा, 'अमेरिका की यह गलती ईरानियों को एकजुट करेगी और गार्ड्स ईरान में और अधिक लोकप्रिय हो जाएंगे... अमेरिका ने आतंकवादियों को क्षेत्र में एक उपकरण की तरह इस्तेमाल किया है जबकि गार्ड्स ने उनके खिलाफ इराक से लेकर सीरिया तक लड़ाई लड़ी है।'

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परमाणु समझौते से अलग होने के बाद शुरू हुआ विवाद
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल मई में ईरान के साथ एक परमाणु समझौते को तोड़ दिया और तेहरान के तेल निर्यात को पूरी तरह से खत्म करने के लिए वहां कई प्रतिबंध लगा दिए, जिसके बाद ईरान को काफी नुकसानों का सामना करना पड़ा। इसके बाद से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव शुरू हो गया।

 

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