बेंगलुरु (पीटीआई)। उत्तर कन्नड़ जिले के पंद्रह मछुआरों को ईरानी अधिकारियों ने रिहा कर दिया है। ये पांच महीने पहले अवैध रूप से उनके देश में प्रवेश कर चुके थे। उत्तर कन्नड़ के डिप्टी कमिश्नर एस एस नकुल ने फोन पर पीटीआई को बताया, हमें खुशी है कि उत्तर कन्नड़ के पंद्रह मछुआरों को मंगलवार को रिहा कर दिया गया। इसके लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था।

ईरानी सरकार ने 27 जुलाई से हिरासत में रखा

नकुल ने बताया कि सभी मछुआरे अपनी नावाें में संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते में हैं। इसके बाद वे भारत में वापसी करेंगे। शुरूआत में नौका मालिकों ने मछुआरों की रिहाई के लिए प्रयास किये लेकिन सफलता नहीं मिली थी। जब भारतीय विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया तब ईरान सरकार उन्हें रिहा करने को राजी हुई। मछुआरों को किश द्वीप में अवैध तरीके से प्रवेश करने आरोप में ईरानी सरकार ने 27 जुलाई से हिरासत में रखा था। मछुआरे संयुक्त अरब अमीरात के एक व्यापारी की तीन नौकाओं पर काम कर रहे थे। नकुल ने यह भी बताया कि दुबई से तीन अन्य मछुआरों के साथ पंद्रह भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिए जाने के बाद व्हाट्सएप के जरिए एक वीडियो करवर जिला प्रशासन को भेजा था।

सुषमा स्वराज से इस मामले को उठाने का अनुरोध किया

इसके बाद जिला प्रशासन ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा और सुषमा स्वराज से इस मामले को उठाने का अनुरोध किया था। नकुल ने बताया कि  मछुआरों की रिहाई में देरी इसलिए हुई क्योंकि दुबई के तीन मछुआरों में से एक मछुआरा ईरानी अधिकारियों की नजरबंदी में नाव से भाग गया था। इसके बाद सजा के तौर पर, ईरानी अधिकारियों ने दुबई के अन्य मछुआरों को जेल भेज दिया और भारतीय मछुआरों को नावों में बंद कर दिया गया था। 

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