तेहरान (आईएएनएस)। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने मंगलवार को कहा कि कार्रवाई सिर्फ शब्द नहीं वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इरादों को स्पष्ट कर सकता है, वह बार बार इस तरह की धमकियां ना दें और तेहरान को परमाणु हथियारों की आवश्यकता नहीं है। सोमवार को ट्रंप द्वारा टोकियो में दिए गए बयान के बाद जरीफ ने यह प्रतिक्रिया दी गई। ट्रंप ने कहा था, 'हम सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते, मैं बस यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं। हम चाहते हैं कि कोई परमाणु हथियार न बने।' इसके बाद जरीफ ने ट्वीट कर कहा, 'अयातुल्लाह अली खामेनी ने बहुत पहले कहा था कि हम एक फतवा जारी करके परमाणु हथियारों की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनपर प्रतिबंध लगा रहे हैं।' इसके अलावा 2018 के बाद से अमेरिका द्वारा अपनाए गए उपायों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि #EconomicTerrorism ईरानी लोगों को परेशान कर रहा है और इस क्षेत्र में तनाव पैदा कर रहा है।

ईरान की धमकियों से निपटने के लिए मिडिल ईस्ट में और पेट्रियट मिसाइलों की तैनाती कर रहा अमेरिका

ईरान को घेरने के बावजूद अमेरिका कह रहा नहीं चाहता युद्ध

मिडिल ईस्ट में सैनिकों की तैनाती के बाद बढ़ा तनाव

अमेरिकी सैनिकों की मिडिल ईस्ट में तैनाती के बाद से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि ईरान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका ने फिर से उसपर कई प्रतिबंध लगाए हैं और मिडिल ईस्ट में अतिरिक्त यूएसएस आर्लिंगटन और पैट्रियट मिसाइलों की तैनाती की है। पहले खुफिया जानकारी से पता चला था कि ईरान, अरब की खाड़ी में शॉर्ट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल और नावों पर तैनात क्रूज मिसाइलों को दागने की योजना बना रहा था। अमेरिकी सेना का मानना था ​है कि क्रूज मिसाइलों को छोटी ईरानी नौकाओं से लॉन्च किया जा सकता है, जिन्हें धौंस के रूप में जाना जाता है।

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